नई दिल्ली: ब्रिटेन में जनमत संग्रह के नतीजे आ गए हैं। ब्रिटेन की जनता ने यूरोपियन यूनियन को छोड़ने का फैसला किया है। ईयू से बाहर होने के पक्ष में 52 फीसदी वोट और पक्ष में 48 फीसदी वोट पड़े। हालांकि मतगणना के दौरान दोनों के बीच कांटे की टक्कर देखी जा रही थी।
संडरलैंड में एक लाख 34 हज़ार 400 वोट पड़े, जिसमें 82 हज़ार 394 लोगों ने यूरोपीय यूनियन छोड़ने के पक्ष में वोट दिया है। न्यूकैशल में 50.7 फ़ीसदी वोट ब्रिटेन के यूरोपीय यूनियन में रहने के पक्ष में पड़े हैं। गिब्राल्टर के ज़्यादातर लोगों ने भी ब्रिटेन के यूरोपीय यूनियन में बने रहने के पक्ष में वोट दिया है। अब तक सिर्फ़ 15.4 फ़ीसदी वोटों की गिनती हुई है।
गौरतलब है कि यूरोपीय संघ में बने रहने और इससे बाहर निकलने के समर्थन में चले दोनों तरह के अभियानों ने बड़ी संख्या में लोगों को लुभाया और करीब 4.6 करोड़ लोग इस प्रकिया में शामिल हुए, जिनमें 12 लाख भारतीय मूल के ब्रिटेन के नागरिक हैं।
भारत पर क्या हो सकता है असर
अगर ब्रिटेन EU से बाहर हुआ तो पाउंड में गिरावट संभव
पाउंड के गिरने से डॉलर की बढ़ेगी मांग
डॉलर का मूल्य बढ़ने से आयात होगा महंगा
कच्चा तेल महंगा होने से पेट्रोल-डीज़ल का दाम बढ़ेगा
बाहर निकलने के पक्ष में ये थे तर्क
EU ब्रिटेन पर अपने क़ानून थोपता रहा है
ब्रिटेन में 50% से ज्यादा कानून EU के
ब्रिटेन पर सालाना 33 अरब पाउंड का बोझ
मुक्त व्यापार संधियां करना अभी मुश्किल
EU के साथ व्यापार समझौते कारगर नहीं
EU के मुकाबले ब्रिटेन का बाकी दुनिया को दोगुना निर्यात
EU में रहने से प्रवासियों की तादाद बढ़ी
प्रवासियों ने ब्रिटिश लोगों के रोज़गार के मौके छीने
बाहर निकलने से ब्रिटेन का पैसा बचेगा
EU में लगाए पैसे का सिर्फ आधा ही वापस
ब्रिटेन का संकट
-पुरानी हैसियत नहीं बची
-ईयू में जर्मनी-फ्रांस अहम
-प्रवासियों का नया संकट
-ब्रिटेन में बढ़ती बेरोज़गारी
-दूसरों के संकट का असर
-बीते दिनों यूनान में आया था संकट
-कंजर्वेटिव अलग होने के पक्ष में
-ब्रिटेन फर्स्ट की मुहिम
क्या है यूरोपियन यूनियन
28 यूरोपीय देशों का संघ
1993 में वजूद में आया
पहले 15 देश शामिल थे
यूनियन की अपनी मुद्रा यूरो
19 देशों की साझा मुद्रा यूरो
50 करोड़ से ज़्यादा की आबादी
एक वीज़ा पर पूरे ईयू में प्रवेश
साझा कारोबार का फ़ायदा