
महाभारत में अर्जुन आैर सुभद्रा के बेटे अभिमन्यु ने चक्रव्यह का भेदन किया था। बताया जाता है कि अभिमन्यु ने यह विद्या अपनी मां के पेट में ही सीख ली थी। कर्इ लोग इसे कोरी कल्पना कह कर नकार देते हैं। लेकिन अब विज्ञान ने इस पर अपनी मोहर लगा दी है।
यूनीवर्सिटी आॅफ हेल्सिंंकी के वैज्ञानिकों ने अब यह साबित कर दिया है कि एेसा सचमुच में संभव है। एक शोद्य में कुछ गर्भवती महिलाआें को 29वें हफ्ते से “टाटाटा” शब्द सुनाया गया। बच्चे के जन्म के बाद परिक्षण करने पर पता चला कि उसके दिमाग ने एेसी प्रतिक्रिया दी मानो वह उस शब्द से परिचित हो।
इससे पहले जाॅन हाॅपकिंस यूनीवर्सिटी ने भी एेसा ही एक अध्ययन किया था जिससे पता चला कि मां की आवाज का असर उसके पेट में पल रहे शिशु पर पड़ता है। वह उसे सुनता है आैर बाकायदा उस पर अपनी प्रतिक्रिया देता है।
इसमें 74 महिलाआें को चुना गया जिनके 36 हफ्ते का गर्भ था। उन्हें दो मिनट तक कहानियां सुनाने को बोला गया। इस दौरान शिशु की धड़कन धीमी आैर उसके मूवमेंट कम पाए गए। शोद्य से साबित हुआ कि बच्चा पैदा होने से पहले ही मां की आवाज सुनने आैर पहचानने लग जाता है।
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