वॉशिंगटन: यूं तो कई भारतीय अमरीकी आर्मी में सेवाएं दे रहे हैं परन्तु सिख कम्युनिटी ऐसी है, जिसके नौजवानों को अमरीकी आर्मी में अपनी सेवाएं देने से पहले अपने धार्मिक अधिकार की लंबी लड़ाई लड़नी पड़ती है । लेकिन अब सिख नौजवान धीरे-धीरे अपनी इन कोशिशों में सफलता हासिल कर रहे हैं । दरअसल अमरीकी आर्मी में एक ओर दस्तारधारी सिख की एंट्री हो गई है। हरपाल सिंह ने साऊथ कैरोलिना में फोर्ट जैक्सन से प्राथमिक लड़ाई प्रशिक्षण में ग्रेजुएशन पूरी कर ली है ।
ग्रेजुएशन सेरेमनी के दौरान उसे ‘सोलजर आफ की साइकिल’ अवार्ड से सम्मानित किया गया। हरपाल सिंह की यह सफलता अमरीकी आर्मी में सिखों के साथ धार्मिक भेदभाव खत्म करने के रास्ते में एक ओर मील का पत्थर साबित हो सकती है । हरपाल सिंह उन तीन सिख युवकों में से पहले है, जिनको अप्रैल, 2016 में अपने धार्मिक चिह्नों सहित प्राथमिक लड़ाई प्रशिक्षण हासिल करने की आज्ञा दी गई थी। इस क्रम में दो और सिख युवक स्पैशलिस्ट कनवर सिंह और अर्जन सिंह घोतरा अगस्त और सितंबर में अपनी ग्रेजुएशन पूरी करेंगे ।
इन युवकों को अपने धार्मिक चिह्नों सहित प्राथमिक लड़ाई प्रशिक्षण हासिल करने का अधिकार सिख कोइलिशन की कोशिशों के आधार पर मिला था। पिछले साल सिख कोइलिशन की तरफ से सिखों को आर्मी में धार्मिक अधिकार दिलाने और अपने धार्मिक चिह्नों सहित सेवा देने के लिए अमरीकी रक्षा विभाग और अमरीकी आर्मी के खिलाफ मुकदमा किया गया था।