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बार-बार मिसकैरेज होने पर इस तरह टूट जाता है एक औरत का शरीर, मन रहता है बेचैन


परिवार और कपल्‍स दोनों के लिए ही बार-बार मिसकैरेज होना काफी ट्रामेटिक होता है। इसकी वजह से कपल्‍स की मेंटल और फिजिकल हेल्‍थ दोनों खराब होती हैं। लेकिन इसका एक औरत के शरीर और मानसिक हालत पर क्‍या असर पड़ता है?
कभी-कभी मिसकैरेज जेनेटिक या क्रोमोसोमल असामान्‍यताओं की वजह से होता है, वहीं कुछ ममालों में यह जीवनशैली से संबंधित गलत आदतों की वजह से होता है। कारण चाहे कोई भी हो, जब बहुत ज्‍यादा मिसकैरेज हो जाते हैं, तो एक औरत के शरीर को काफी कुछ सहना पड़ता है। इस आर्टिकल में हम बात करेंगे कि बार-बार मिसकैरेज होने का क्‍या असर पड़ता है।
​हेल्‍थ एंड क्‍वालिटी ऑफ लाइफ आउटकम्‍स नाम की रिपोर्ट के अनुसार जब पिछले मासिक धर्म से 20 सप्ताह से पहले तीन या अधिक बार मिसकैरेज हो जाए, तो इसे बार-बार गर्भपात होना या रिकरंट मिसकैरेज कहते हैं। लगभग 15 पर्सेंट मामलों में बार-बार गर्भपात होने की समस्‍या देखी गई है। बार-बार होने वाले गर्भपात के लिए कई कारण हैं जैसे इम्‍यूनोलॉजिक, आनुवंशिक और शारीरिक असामान्यताएं, एंडोक्राइन विकार, संक्रामक और पर्यावरणीय कारक।
हालांकि, बार-बार गर्भपात होने के 60 पर्सेंट मामलों में इसका स्‍पष्‍ट कारण ही पता नहीं चल पाता है। अध्ययनों से पता चललता है कि बार-बार गर्भपात होने से महिलाओं की सेहत पर बुरा असर पड़ता है और वो चिंता, मनोवैज्ञानिक विकारों से ग्रस्‍त हो जाती हैं।
​अमेरिकन कॉलेज ऑफ आब्‍स्‍टेट्रिशियन एंड गायनेकोलॉजी (ACOG) के अनुसार लगभग आधे गर्भपात तब होते हैं जब भ्रूण को फर्टिलाइजेशन के दौरान क्रोमोसोम की असामान्य संख्या प्राप्त होती है। यह किसी मेडिकल कारण से नहीं होता है लेकिन बढ़ती उम्र के साथ ऐसा होने का खतरा भी बढ़ता चला जाता है।
​Ncbi के मुताबिक गर्भाशय की असामान्यताएं, एपीएस, एंडोक्राइन रोग की वजह से बार-बार गर्भपात हो सकता है। प्रजनन क्षमता और स्‍वास्‍थ्‍य को बढ़ाने के लिए जीवनशैली में कुछ बदलाव करने चाहिए। बार-बार मिसकैरेज होने की स्थिति में महिलाएं आईवीएफ की मदद ले सकती हैं। ACOG का कहना है कि अगर इसका स्‍पष्‍ट कारण पता चल जाए, तो डॉक्‍टर उसका इलाज कर के इस समस्‍या को खत्‍म कर सकते हैं।
बार-बार मिसकैरेज होने पर क्‍या करें – ACOG के अनुसार मां को दुख और एंग्‍जायटी महसूस हो सकती है। कुछ दिनों में शरीर तो मिसकैरेज से पूरी तरह से रिकवर कर जाता है लेकिन मानसिक आघात जाने में समय लगता है। डिप्रेशन और एंग्‍जायटी की स्थिति में आप प्रोफेशनल की मदद ले सकती हैं। डॉक्‍टर आपकी मेडिकल हिस्‍ट्री और पहले की प्रेग्‍नेंसी के बारे में पूछते हैं। फिजिकल जांच के बाद इम्‍यून सिस्‍टम चेक करने के लिए ब्‍लड टेस्‍ट करवाया जा सकता है। यूट्राइन प्रॉब्‍लम के लिए इमेजिंग टेस्‍ट करवाए जाते हैं।