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‘हमारा सपना है…’ 2027 में शुरू हो रहे प्राेजेक्‍ट ‘सनबाथर’ से क्‍या मिलेगा? गूगल CEO सुंदर पिचाई की बड़ी बातें

एआई के क्षेत्र में गूगल प्रोजेक्‍ट सनबाथर पर काम कर रही है। कहा जाता है क‍ि कंपनी साल 2027 तक अपने पहले प्रायोग‍िक डेटा सेंटर को अंतर‍िक्ष में भेजने की तैयारी कर रही है।
आर्टिफ‍िशियल इंटेलिजेंस (AI) की रफ्तार अब उस दिशा में दौड़ पड़ी है जहां कंपनियों ने अंतरिक्ष में डेटा सेंटर बनाने की योजनाओं पर काम शुरू कर दिया है। गूगल और एलन मस्‍क वो बड़े नाम हैं, जो इस विषय में सबसे ज्‍यादा मुखर हैं। टेक दिग्‍गज गूगल ने अंतरिक्ष में डेटा सेंटर बनाने की तैयारियों को इस स्‍तर पर पहुंचा दिया है कि वो साल 2027 तक अपने पहले प्रायोग‍िक डेटा सेंटर को स्‍पेस में भेजने की योजना बना रही है। ऐसा मुमकिन हो पाया तो पहली बार मशीन लर्निंग अंतरिक्ष से होगी। गूगल के प्रोजेक्‍ट का कोडनेम ‘सनबाथर’ है। गूगल को इस प्रोजेक्‍ट से क्‍या हासिल होगा? गूगल सीईओ सुंदर पिचाई ने फॉक्‍स न्‍यूज को दिए इंटरव्‍यू में कुछ बातों पर रोशनी डाली है।
क्‍या है प्राेजेक्‍ट ‘सनबाथर’ – प्राेजेक्‍ट ‘सनबाथर’ का मकसद अंतरिक्ष में डेटा सेंटर तैयार करना है। ये डेटा सेंटर सूर्य की रोशनी से ऊर्जा लेकर काम करेंगे। रिपोर्ट के अनुसार, गूगल सीईओ का कहना है कि शुरुआत में सैटेलाइट पर छोटी-छोटी मशीनें भेजकर जांच की जाएगी। सुंदर पिचाई का मानना है कि 2027 में इस दिशा में पहला कदम बढ़ेगा। उन्‍होंने कहा कि अगले 10 साल में अंतरिक्ष में डेटा सेंटर बनाना आम बात हो जाएगी।
टीपीयू चिप क्‍या हैं, जिन्‍हें अंतरिक्ष में भेजा जाएगा? – गूगल की योजना साल 2027 तक अपनी खास टीपीयू चिप्‍स को अंतरिक्ष में भेजने की है। टीपीयू चिप का पूरा नाम टेंसर प्रोसेसिंग चिप है। मौजूदा समय में गूगल सर्च, गूगल मैप्‍स और गूगल फोटोज के लिए इसका इस्‍तेमाल किया जा रहा है। साल 2015 में गूगल ने टीपीयू चिप का पहला वर्जन V1 पेश किया था। तब से अबतक चार वर्जन आ चुके हैं। आखिर वर्जन V4 साल 2021 में आया था।
अंतरिक्ष में डेटा सेंटर बनाने के फायदे? – अंतरिक्ष में डेटा सेंटर बनाने का पहला बड़ा फायदा पर्यावरण को होगा। रिपोर्ट के अनुसार, प्राेजेक्‍टर सनबाथर से पर्यावरण को होने वाले नुकसान को कम करने में मदद मिलेगी। मौजूदा वक्‍त में डेटा सेंटरों के कारण बिजली और पानी का खूब उपयोग हो रहा है। डेटा सेंटरों से ग्रीनहाउस गैसें निकलती हैं और इलेक्‍ट्रॉनिक कचरा भी पैदा होता है। अंतरिक्ष में बने डेटा सेंटर इन समस्‍याओं को कम कर देंगे।
हमारा सपना है… – रिपोर्ट के अनुसार, गूगल सीईओ सुंदर पिचाई ने कहा कि हमारा एक बड़ा सपना यह है कि हम एक दिन अंतरिक्ष में डेटा सेंटर बना सकें ताकि हम सूर्य की ऊर्जा का बेहतर इस्तेमाल कर सकें। सूर्य की ऊर्जा आज पृथ्वी पर हमारी कुल ऊर्जा से खरबों गुना ज्यादा है।