वाशिंगटनः पिछले 8 साल में ओबामा प्रशासन दौरान भारत और अमरीका का आतंकवाद निरोधी सहयोग बेहद सफल रहा। इस दौरान बहुत सी आतंकी साजिशों को विफल किया गया। यह बात दक्षिण एशिया मामलों के राष्ट्रपति बराक ओबामा के सलाहकार पीटर लेवॉय ने कही । उन्होंने भारत के साथ संबंधों की गर्मजोशी को ओबामा प्रशासन की उपलब्धि बताते कहा कि इससे दोनों देशों को फायदा मिला।
लेवॉय ने कहा, आतंकवाद निरोधी अभियान की यह महत्वपूर्ण प्रगति है। दोनों देशों ने आतंक के खिलाफ लड़ाई में नई ऊंचाइयों को छुआ है और इसे जारी रहना चाहिए। भारत के परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (NSG) का सदस्य न बन पाने पर लेवॉय ने कहा कि दुर्भाग्य से यह कार्य राष्ट्रपति ओबामा के कार्यकाल में नहीं हो सका, लेकिन वह दिन दूर नहीं जब भारत इस प्रतिष्ठित समूह का सदस्य होगा। इसके लिए कार्य जारी है। भारत के एनएसजी का सदस्य न बन पाने से अमरीका को धक्का लगा है। लेवॉय ने कहा कि भारत में वह गुणवत्ता है जिससे उसे निश्चित रूप से इस समूह का सदस्य बनना चाहिए।
हम मानते हैं कि परमाणु अप्रसार संधि पर दस्तखत न करने वाले देशों को एनएसजी में शामिल किए जाने की संभावना बननी चाहिए। उल्लेखनीय है कि भारत ने अभी तक परमाणु अप्रसार संधि पर दस्तखत नहीं किए हैं और चीन इसी का बहाना लेकर एनएसजी में भारत के प्रवेश का विरोध कर रहा है। लेवॉय ने कहा, अफगानिस्तान-पाकिस्तान सीमा पर सक्रिय अल कायदा हमारे लिए चिंता का विषय बना हुआ है। आतंकी संगठन आइएस भी अमरीका के लिए बड़ी चिंता बना हुआ है। दोनों संगठनों के खिलाफ हम कार्रवाई जारी रखे हुए हैं।