न्यूयार्क: टाइम पत्रिका की ‘सहस्राब्दि के 10’ युवाओं की ताजा सूची में 30 वर्षीय भारतीय उद्यमी उमेश सचदेव भी है जो एक ऐसा फोन बना रहे हैं जिसके साथ किसी भाषा में निर्देशों का आदान प्रदान किया जा सकता है। इन हस्तियों के काम दुनिया में लोगों के जीवन को बदलने की संभावना रखते हैं। सचदेव को टाइम द्वारा 2016 की सूची में ऐसा फोन बनाने के लिए शमिल किया गया है जो किसी भी भाषा को समझ कर उसमें जवाब दे सकता है। सचदेव ने अपने मित्र रवि सरावगी के साथ मिलकर यूनिफोर साफ्टवेयर सिस्टम्स कंपनी चला रहे हैं।
टाईम ने सचदेव के परिचय में कहा कि चेन्नई का यह स्टार्टअप ऐसे साफ्टवेयर बना रहा है जिससे लोगों को बातचीत करने और अपनी स्थानीय भाषा में आनलाईन बैंकिंग सेवाओं का फायदा उठाने में मदद करता है। यूनिफोर के उत्पादों में एक आभासी सहायक है जो विश्व की 25 से अधिक वैश्विक भाषाओं और 150 बोलियों में सेवाएं प्रदान कर सकता है और इसका उपयोग 50 लाख से अधिक लोग कर रहे हैं। इन सचदेव ने इसमें कहा, ‘फोन से वित्तीय समावेश बढ़ाने या किसानों को मौसम की जानकारी प्राप्त करने में मदद मिल सकती है।’
उन्होंने कहा, ‘आपको एक तरीके की जरूरत होती है कि प्रौद्योगिकी के जरिए लोग संवाद कर सकें।’ टाईम ने कहा कि साटवेयर के जरिए सचदेव दूरियां पाट रहे हैं कि और करोड़ों लोगों को डिजिटल तथा वास्तविक दुनिया के बीच के फर्क को पार करने में मदद कर रहे हैं। इसमें कहा गया कि सचदेव ने उस समस्या का समाधान ढूंढा कि फोन की भाषा ग्रामीण भारत के ग्रामीणों की नहीं होती। इसमें एक ओलंपिक पदक विजेता सिमोन बाइल्स भी शामिल हैं जो नशीली दवाओं के चंगुल में फंसी मां की गिरफ्त से उबर पाईं। इनके अलावा गुफाओं की खोज करने वाले 31 वर्षीय फ्रांसिस्को सॉरो भी शामिल हैं जिन्होंने वेनीजुएला के वर्षावन में कई तरह की गुफाओं की खोज की है।