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पाकिस्तान की ISI का नया ‘स्ट्रेटेजिक हब’ बना तुर्की, एर्दोगन की मदद से ऑपरेशन, क्या गुल खिलाएगी साझेदारी?


पाकिस्तान के साथ तुर्की के संबंध हालिया वर्षों में तेजी से सुधरे हैं। इसका फायदा ISI उठा रही है। IS के लिए तुर्री एक अहम गढ़ बन गया है, यहां से एजेंसी कई ऑपरेशन को अंजाम दे रही है।
तुर्की और पाकिस्तान के बीच संबंधों में हालिया समय में बेहतरी आई है। तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप एर्दोगन ने लगातार वैश्विक मंचों पर पाकिस्तान का पक्ष लिया है तो इस्लामाबाद की ओर से भी तुर्की को दोस्त मुल्क कहा जाता है। दोनों देशों के बीच बने इस दोस्ताना माहौल का फायदा पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) उठा रही है। ISI के लिए तुर्की ऑपरेशनल धुरी बनकर उभरा है। ISI अब खुलकर तुर्की की खुफिया एजेंसी के साथ काम कर रही है।
संडे गार्जियन लाइव के मुताबिक, पाकिस्तान और तुर्की की खुफिया एजेंसियां अब सीक्रेट तरीके से संपर्क साधने के बजाय खुलकर तालमेल बिठा रही हैं। हालिया महीनों में ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जो दिखाते हैं कि आतंकवाद से जुड़ी जानकारी जुटाने से लेकर सीमा पार अपराधियों को पकड़ने तक दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़ रहा है।
ISI और MIT में सहयोग – तुर्की की नेशनल इंटेलिजेंस ऑर्गनाइजेशन (MIT) और पाकिस्तान की आईएसआई ने मिलकर इस साल इस्लामिक स्टेट के आतंकी ओजगुर अल्टुन उर्फ अबू यासिर अल-तुर्की के खिलाफ कार्रवाई की है। MIT डिजिटल निगरानी और क्षेत्रीय नेटवर्क के जरिए अल्टुन की गतिविधियों पर नजर रख रही थी।