नयी दिल्ली : संघ लोक सेवा आयोग द्वारा दिसंबर-2015 में आयोजित सिविल सेवा परीक्षा का परिणाम घोषित कर दिया गया है. यूपीएससी 2015 की परीक्षा में दिल्ली की टीना डाबी सिविल सेवा परीक्षा में अव्वल रहीं, वहीं जम्मू कश्मीर के अतहर आमिर उल शफी खान ने दूसरा स्थान हासिल किया. हर साल आयोजित होने वाली इस प्रतिष्ठित परीक्षा में भारतीय पुलिस सेवा, भारतीय विदेश सेवा और केंद्रीय सेवाओं के लिए योग्य उम्मीदवारों का चयन किया जाता है. इस परीक्षा में कुल 1078 उम्मीदवारों को सफल घोषित किया गया है.
पहले स्थान पर टीना डाबी रही, वहीं दूसरे स्थान पर अतहर आमिर उल शफी खान रहे. तीसरा स्थान जसमीत सिंह संधू का रहा. इस बार भी टॉप टेन में लड़कियों का दबदबा रहा. चौथे स्थान पर अर्तिका शुक्ला रहीं. पिछले वर्ष भी यूपीएससी की परीक्षा में टॉपर में महिला इरा सिंघल रही थीं.
टीना डाबी ने बताया कि मैं बहुत खुश और उत्साहित हूं. उन्होंने कहा कि मैंने आइएएस हरियाणा कैडर चुना है. हालांकि यह चुनौतीपूर्ण है. टीना ने अपने सफलता की वजह धैर्य, फोकस, अनुशासन और परिवार का सहयोग को बताया है. टीना ने कहा कि मैं पहले प्रयास में UPSC परीक्षा पास करने की सपना देखने वाली लड़कियों का रोल मॉडल बनना चाहती हूं.टीना के पिता ने कहा कि मैं आश्चर्यचकित और गर्व महसूस कर रहा हूं. वह सिर्फ 22 साल की है और पहले प्रयास में परीक्षा पास की है.
दूसरे स्थान पर रहे कश्मीर के अतहर -अल -शफी 
कहते हैं कि हौसले बुलंद हों तो कोई भी मंजिल मुश्किल नहीं होती.यह बात कश्मीर के अतहर आमिर-उल-शफी खान पर सौ टका खरा उतरती है जिन्होंने आज घोषित लोक सेवा परीक्षा के नतीजों में दूसरा स्थान हासिल किया है. नाकामी को कामयाबी में तब्दील करने का हौसला रखने वाले 23 वर्षीय खान ने अपने दूसरे प्रयास में भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) में सफलता प्राप्त की है.
दक्षिणी कश्मीर के अनंतनाग जिले के देवीपोरा-मट्टन गांव से ताल्लुक रखने वाले खान ने साल 2014 के अपने पहले प्रयास में भारतीय रेल यातायात सेवा (आईआरटीएस) में स्थान हासिल किया था और फिलहाल लखनऊ में भारतीय रेल परिवहन प्रबंधन संस्थान में प्रशिक्षण ले रहे हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘पिछले साल मेरी रैकिंग कम थी और ऐसे में मुझे आईआरटीएस दिया गया. मैंने नौकरी शुरू की. आईएएस मेरी पहली पसंद थी और मैंने नौकरी के साथ परीक्षा में भी बैठने की योजना बनायी’ स्कूली शिक्षक के बेटे खान में साल 2009 में कश्मीर घाटी के शाह फैसल के लोक सेवा परीक्षा में सर्वोच्च स्थान हासिल करने के बाद आईएएस बनने की दिलचस्पी पैदा हुई. खान ने कहा, ‘‘मेरा सपना साकार हो गया. मैं लोगों की बेहतरी के लिए काम करने में कोई कोर-कसर नहीं छोडूंगा.’ उन्होंने कहा, ‘‘मैंने जम्मू-कश्मीर कैडर का चुनाव भी किया है. मुझे वहां काम करने का मौका मिला तो खुशी होगी. मुझे लगता है कि मेरे राज्य के लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने की बहुत गुंजाइश है.
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