सोल: दक्षिण कोरिया, जापान और अमरीका ने उत्तर कोरिया की पनडुब्बियों से मिलने वाली मिसाइल हमले की धमकियों से निपटने के लिए आज एक संयुक्त नौसैन्य अभ्यास आयोजित किया। उत्तर कोरिया के हथियारों के कार्यक्रम से जुड़ी चिंताओं के बढऩे के बीच यह जानकारी सोल के रक्षा मंत्रालय ने दी है।
प्योंगयांग लंबी दूरी तक वार कर सकने वाली ऐसी मिसाइलों को विकसित करने में लगा हुआ है, जो परमाणु आयुध ले जा सकती हैं और अमेरिकी मुख्यभूभाग को निशाना बना सकती हैं। अब तक वह पांच परमाणु परीक्षण कर चुका है, जिनमें से दो का परीक्षण पिछले साल हुआ था। दक्षिण कोरिया, जापान और अमेरिका के तीन दिन तक चलने वाले अभ्यास की शुरूआत से ठीक पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कल चेतावनी दी थी कि यदि चीन मदद करने का इच्छुक नहीं है तो अमरीका उत्तर कोरिया के परमाणु कार्यक्रम से निपटने के लिए एकपक्षीय तरीके से कदम उठाने को तैयार है।
इस अभ्यास में 800 से ज्यादा सैनिकों ने हिस्सा लिया। मंत्रालय ने कहा कि अभ्यास की शुरूआत दक्षिण कोरिया के दक्षिणी तट पर जापान के करीब हुई। इसमें पनडुब्बी विरोधी युद्ध सामग्री के तहत कई नौसैन्य विध्वंसकों और हेलीकॉप्टरों का इस्तेमाल किया गया। मंत्रालय ने कहा कि इसका उद्देश्य ”पनडुब्बी से प्रक्षेपित बैलिस्टिक मिसाइल दागने समेत उत्तर कोरिया की पनडुब्बियों से उत्पन्न खतरों के खिलाफ प्रभावी प्रतिक्रिया सुनिश्चित करना है” और ”इन तीनों देशों की कड़ी प्रतिबद्धता दिखाना” है।