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फालतू की उछल-कूद में टाइम खराब कर रहा है आपका बच्‍चा


हर बच्‍चा अलग होता है, कुछ बच्‍चे बहुत ज्‍यादा शैतान होते हैं तो कुछ बच्‍चे शर्मीले और शांत रहते हैं। कुछ बच्‍चे ऐसे होते हैं जिनके घर में आने से पूरा घर हिल जाता है और उनकी शैतानियों से गूंजने लगता है। ऐसे बच्‍चों को हाइपरएक्टिव कहा जा सकता है जिनकी एनर्जी पूरे दिन में भी खत्‍म नहीं होती है।
बच्‍चों में इतनी एनर्जी होती है कि उनके पीछे भागते-भागते बड़े थक जाते हैं लेकिन बच्‍चे नहीं थकते। आपने मुश्किल ही देखा होगा जब कोई छोटा बच्‍चा थक कर बैठ गया हो। उन्‍हें तो हर वक्‍त खेलते रहने में ही मजा आता है। बच्‍चों की ग्रोथ और डेवलपमेंट के लिए एक्टिविटी बहुत अच्‍छी रहती हैं और आपको बच्‍चों में फिजिकल एक्टिविटी को बढ़ावा देना चाहिए। हालांकि, अगर आपका बच्‍चा हाइपरएक्टिव है, तो आपके लिए इस बारे में जानना जरूरी है।
हाइपरएक्टिव बच्‍चों को पहचानने का सबसे आम संकेत यही है कि उन्‍हें किसी की बात मानने में दिक्‍कत होती है। ये आसानी से परेशान, फ्रस्‍ट्रेट, गुस्‍सा और दुखी हो जाते हैं। ये दूसरों की बात कम ही सुनते हैं, बहुत ज्‍यादा बोलते हैं और दूसरों की बातों को काटते रहते हैं।
हाइपरएक्टिविटी दिमाग से जुड़ी होती है। हाइपरएक्टिव होना कोई बुरी बात नहीं है। इन बच्‍चों को बस थोड़ी ज्‍यादा अटेंशन और अपनी एनर्जी को सही दिशा में लगाने के लिए पैरेंट्स के धैर्य की जरूरत होती है।
ऐसे कुछ फन और एक्‍साइटिंग गेम्‍स और एक्टिविटीज हैं जो आपके बच्‍चे को बेहतर फोकस करने, सीखने और एक खुश, कॉन्फिडेंट और जागरूक इंसान बनने में मदद कर सकती हैं।
​कराटे : हाइपरएक्टिव बच्‍चों को अपनी एनर्जी का सही इस्‍तेमाल करने के लिए आप उन्‍हें कराटे क्‍लास दिलवा सकते हैं। इससे बच्‍चों की ध्‍यान लगाने की क्षमता बढ़ती है और दिमाग शांत रहता है। कराटे के अलावा आप उसे मार्शल आर्ट्स भी सिखा सकते हैं।
आउटडोर स्‍पोर्ट्स : हाइपरएक्टिव बच्‍चों की एनर्जी को सही दिशा में लगाना है, तो उन्‍हें रोज आउटडोर स्‍पोर्ट्स खेलने भेजें। बच्‍चा अपनी पसंद से फुटबॉल, बास्‍केटबॉल, वॉलीबॉल और बैडमिंटन खेल सकता है। टीम के साथ खेलने पर उसके सोशल स्किल्‍स भी बेहतर होंगे।
​म्‍य‍ूजिक : बच्‍चों के दिमाग को शांत करने के लिए म्‍यूजिक बहुत अच्‍छा तरीका है। अगर बच्‍चे की इसमें रूचि है तो आप उसे कोई म्‍यूजिकल इंस्‍ट्रुमेंट सीखने भी भेज सकती हैं। स्‍कूल से आने के बाद आप बच्‍चे को म्‍यूजिक क्‍लास के लिए भेज सकते हैं या फिर स्‍कूल के ही किसी कॉम्‍पीटिशन में उसे म्‍यूजिक की प्रतियोगिता में शामिल होने के लिए प्रेरित कर सकते हैं।
स्‍विमिंग : हाइपरएक्टिव बच्‍चों के लिए स्विमिंग एक बेहतरीन एक्‍सरसाइज है। इससे ज्‍यादा एनर्जी इस्‍तेमाल हो जाती है और बच्‍चों की एकाग्रता बढ़ती है और बेचैनी एवं आवेगता कम होती है। यह बच्‍चे का आत्‍मविश्‍वास बढ़ाने का भी काम कर सकती है।
ब्रेन ग्रेम्‍स : आप बच्‍चों को जिगसॉ पजल या शतरंज, मेमोरी, लूडो और स्‍क्रैबल जैसे गेम्‍स में बिजी रख सकते हैं। इससे बच्‍चे की एकाग्रता, फोकस पॉवर और सोचने की क्षमता बेहतर होगी। इस तरह के गेम्‍स बच्‍चों के प्रॉब्‍लम सॉल्विंग स्किल्‍स को भी बेहतर करते हैं।