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बहुत बुरे और बड़े लोग, नाम बताया तो… राधिका आप्टे ने साउथ फिल्म के सेट पर झेला ‘टॉर्चर’, सुनाई दर्दनाक आपबीती


राधिका आप्टे दो दशक से भी ज्यादा समय से फिल्मों में हैं और बंगाली से लेकर हिंदी-साउथ की फिल्में कीं। राधिका ने बताया है कि उन्होंने खुद को बड़े लोगों की हिंदी फिल्मों से क्यों दूर रखा। साथ ही साउथ की एक फिल्म के सेट के दर्दनाक वाकये का खुलासा किया है। उसे उन्होंने टॉर्चर बताया।
एक्ट्रेस राधिका आप्टे को फिल्म इंडस्ट्री में दो दशक बीत चुके हैं और वह बॉलीवुड में अपनी एक अलग पहचान बना चुकी हैं। आज राधिका आप्टे उस स्थिति में हैं, जहां वह मनमुताबिक फैसले ले सकती हैं, तय कर सकती हैं कि उन्हें कौन सा रोल करना है और कौन सा नहीं, पर शुरुआती दौर में ऐसा नहीं था। राधिका आप्टे ने साल 2005 में ‘वाह! लाइफ हो तो ऐसी’ में एक छोटे से रोल से शुरुआत की थी। फिर 2009 में बंगाली फिल्म ‘अंतहीन’ से बतौर लीड शुरुआत की। हालांकि, राधिका आप्टे को पहचान 2015 में आई फिल्म ‘बदलापुर’ से मिली और इसके बाद उन्होंने फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। बीच में राधिका ने साउथ की फिल्मों में भी काम किया था, पर वहां उन्होंने टॉर्चर झेला।
राधिका आप्टे ने कुछ ‘बड़े लोगों’ द्वारा बनाई गई हिंदी फिल्मों से खुद को दूर रखा, लेकिन 2000 के उस दशक में राधिका ने जब साउथ की फिल्में कीं, तो उन्हें लैंगिक भेदभाव (सेक्सिजम) झेलना पड़ा। राधिका ने किसी का नाम तो नहीं बताया, पर यह जरूर कहा कि वो बहुत बुरे लोग हैं।
राधिका आप्टे ने बताया क्यों बड़ी हिंदी फिल्मों से रहीं दूर – राधिका आप्टे ने ‘स्क्रीन’ को दिए इंटरव्यू में बताया, ‘मैंने बहुत सी बड़ी हिंदी फिल्में नहीं कीं, जिनमें ऐसा हुआ। मुझे कुछ लोगों ने ऑफर दिए और मैं उनसे मिलने गई। जब मुझे एहसास हुआ, तो मैंने कहा कि मैं उनके साथ कभी काम नहीं करूंगी। वो बहुत बुरे लोग हैं। बहुत बड़े लोग। अगर मैं नाम बताने लगूं, तो आप कहेंगे, ‘क्या?, लेकिन हां, मैं उन लोगों के साथ काम नहीं करूंगी।’
साउथ की फिल्में पैसों के लिए कीं, पर एक फिल्म के सेट पर झेला टॉर्चर – राधिका ने फिर बताया कि चूंकि उन्हें पैसों का काफी जरूरत थी, तो उन्होंने साउथ की फिल्में कीं, पर वहां भी टॉर्चर झेलना पड़ा। राधिका बोलीं, ‘फिर मैंने कुछ साउथ की फिल्में कीं क्योंकि मुझे सच में पैसों की जरूरत थी। लेकिन मैंने कुछ ऐसी फिल्में कीं, जिनके सेट पर काफी परेशानी झेलनी पड़ी। मुझे याद है कि एक बार एक फिल्म की थी, जिसके सेट पर सिर्फ मैं ही अकेली महिला थी। हम एक छोटे से शहर में शूटिंग कर रहे थे। वो मेरे ब्रेस्ट और बम्स पर पैडिंग लगाना चाहते थे। वो कहने लगे, ‘अम्मा, और पैडिंग लगाओ। मैंने पूछा कि और कितना पैडिंग?’
राधिका आप्टे थीं सेट पर अकेली महिला, टीम की इजाजत नहीं थी – राधिका आप्टे ने आगे बताया, ‘मैं अकेली महिला थी। मेरा कोई मैनेजर नहीं था। मेरा कोई एजेंट नहीं था। मेरी टीम में सभी पुरुष थे क्योंकि उन्होंने मुझे यह रोल दिया था। उन्होंने कहा कि नहीं, आपको अपनी टीम बनाने की इजाजत नहीं है।’
नहीं चाहूंगी कोई भी महिला उस स्थिति को झेले’ – राधिका आप्टे ने कहा कि वह आमतौर पर काफी स्पष्टवादी और साहसीट हैं, फिर भी उन दिनों को याद करके वह सिहर उठती हैं। राधिका बोलीं, ‘मैं दोबारा कभी उस स्थिति में नहीं पड़ना चाहती क्योंकि मैं रो दूंगी। यह सचमुच दर्दनाक था। मैं नहीं चाहूंगी कि कोई भी महिला उस स्थिति में हो या उसका सामना करे।’ राधिका आप्टे ने इस वर्क कल्चर के लिए सिर्फ पुरुषों को ही नहीं बल्कि हायर पोजिशन पर काम कर रहीं महिलाओं को भी जिम्मेदार ठहराया। वह बोलीं, ‘इतनी सारी महिलाएं पावरफुल पोजिशन पर हैं जो बदलाव ला सकती हैं, लेकिन वो ऐसा नहीं करेंगी। और यह बात मुझे बेहद परेशान करती है।’