
नई दिल्लीः हमारी आने वाली पीढ़ी के लिए हिंसा और शिक्षा बड़ी चिंता का विषय है। ये बात यूनिसेफ के एक सर्वे में निकलकर आई है। यूनिसेफ ने भारत में 1000 बच्चों के बीच एक ऑनलाइन सर्वे किया है। इस सर्वे में शामिल बच्चों ने खुद भी हिंसा से प्रभावित होने की आशंका जताई है। भारते के अलावा अमरीका, ब्रिटेन, जापान समेत 13 और देशों में भी सर्वे किया गया है।
9 से 12 साल के बच्चों में करीब आधे इस बात को लेकर चिंतित थे कि इस तरह की हिंसा खुद उन्हें प्रभावित कर सकती है। 95 फीसदी बच्चे आतंकवाद को लेकर चिंतित दिखे और 48 फीसदी बच्चों ने कहा कि उन्हें लगता है कि आतंकवाद का असर खुद उन पर भी पड़ सकता है। बच्चों की दूसरी बड़ी चिंताएं शिक्षा, स्वास्थ्य और गरीबी को लेकर है। 96% बच्चे अच्छी शिक्षा मिलने के बारे में सोचते हैं, जबकि 97 फीसदी गरीबी को लेकर परेशान हैं, 94 फीसदी बच्चों की चिंता अच्छी हेल्थ केयर को लेकर है। हालांकि 70 फीसदी बच्चों को यकीन था कि विश्व नेता दुनिया भर के बच्चों के लिए अच्छे फैसले लेंगे।
यूनिसेफ के डिप्टी एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर जस्टिन फोरसिथ ने कहा कि बच्चों से जुड़ी मुश्किलों को खत्म करने के लिए सरकारें प्राइवेट सेक्टर के साथ मिलकर काम कर सकती हैं। सर्वे के मुताबिक, बच्चे चाहते हैं कि हमारे नेता सबसे पहले आतंकवाद, फिर गरीबी और शिक्षा की बदतर हालत के खिलाफ कदम उठाएं। 91 फीसदी बच्चों ने कहा कि अगर नेता बच्चों की बातों को सुनें तो यह दुनिया एक बेहतर जगह होगी लेकिन आधे से भी कम बच्चों को लगता है कि उनकी राय सरकार या विश्व नेताओं की ओर से सुनी जाएगी।
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