सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान आधुनिक और उदारवादी इस्लाम को बढ़ाना चाहते हैं। ऐसा उन्होंने साल 2017 में कहा था। एक वीडियो में वह कह रहे हैं कि सऊदी में इस्लामी चरमपंथ को मिटाने और अन्य धर्मों के साथ सह अस्तित्व को बढ़ावा देने पर काम होगा।
सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान (MBS) का एक वीडियो सोशल मीडिया पर चर्चा बटोर रहा है। हालांकि उनका ये वीडियो पुराना है लेकिन हालिया दिनों में इसने सोशल मीडिया यूजर्स का ध्यान खींचा है। इस वीडियो में MBS इस्लामिक अतिवाद को खत्म करने और उदार इस्लाम को बढ़ावा देने पर जोर दे रहे हैं। यह वीडियो 2017 के फ्यूचर इन्वेस्टमेंट इनिशिएटिव (FII) कॉन्फ्रेंस का है। इसी सम्मेलन में विजन 2030 के तहत सऊदी में कई बड़े प्रोजेक्ट शुरू हुए थे। इसी कार्यक्रम में सऊदी अरब के सामाजिक और धार्मिक परिदृश्य पर MBS से सवाल हुआ था। इस पर उन्होंने सऊदी में धार्मिक कट्टरता में कमी लाने की प्रतिबद्धता जताई थी।
मोहम्मद बिन सलमान सोशल मीडिया पर वायरल अपने इस वीडियो में कहते नजर आ रहे हैं, ‘हम इस्लामिक अतिवाद को खत्म करना चाहते हैं। हम दुनिया के दूसरे धर्मों के साथ मिलकर रहना चाहते हैं।’ इस वीडियो को MBS के उस विजन को दिखाता है, जिसके तहत वे सऊदी अरब में धार्मिक उदारता लाना चाहते हैं और समाज को वैश्विक संस्कृतियों के लिए खोलना चाहते हैं।
सऊदी में बदलाव के पक्षधर रहे हैं MBS – सऊदी अरब की सत्ता हाथ में आने के बाद से क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान सऊदी अरब ने देश को अति-रूढ़िवादिता से दूर ले जाने की बात कही है। 2017 में ही द गार्जियन को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने 1979 की ईरानी क्रांति को सऊदी के कठोर धार्मिक रुख के लिए जिम्मेदार ठहराया था। उन्होंने इस्लाम की अधिक खुली और उदार व्याख्या पर लौटने की आवश्यकता पर जोर दिया था।
MBS सऊदी अरब की अर्थव्यवस्था की तेल से निर्भरता कम करने पर भी जोर दे रहे हैं। वह विदेश निवेश चाहते हैं, ऐसे में वह समाज में खुलेपन पर जोर रहे हैं। उनके नेतृत्व में सऊदी अरब में कई महत्वपूर्ण सुधार हुए हैं। सऊदी ने विजन 2030 के तहत अर्थव्यवस्था को विविधता देकर तेल पर राज्य की निर्भरता को कम करने का लक्ष्य रखता है। इसमें पर्यटन, मनोरंजन और प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों को बढ़ावा देना शामिल है।
सऊदी अरब ने 2018 में महिलाओं के ड्राइविंग पर लगे दशकों पुराने प्रतिबंध को हटा दिया था, जो एक बड़ा कदम था। सऊदी में धार्मिक पुलिस के अधिकार भी कम किए गए हैं। देश ने सांस्कृतिक खुलेपन को अपनाया है, इसमें 35 साल के प्रतिबंध के बाद सिनेमाघरों को फिर से खोला गया है। सऊदी ने हालिया समय में कई पश्चिमी कलाकारों के संगीत कार्यक्रमों की मेजबानी भी की है।
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