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क्या होता है डबल डेटिंग? क्या इसमें पार्टनर के साथ किसी और को भी ले जाते हैं? पता चल जाए तो अगली बार करें ये काम


डबल डेटिंग एक नया रिलेशनशिप ट्रेंड है, जिसमें दो कपल एक साथ डेट पर जाते हैं। इससे माहौल ज्यादा आरामदायक रहता है, झिझक कम होती है और बातचीत आसान बनती है। दोस्ती और मस्ती के बीच पार्टनर को बेहतर समझने का मौका मिलता है। यही वजह है कि आज युवा इसे प्यार का नया तरीका मान रहे हैं।
प्यार करना और उसका इजहार करना समय के साथ बदलता रहा है। कभी प्यार दो दिलों के बीच चुपचाप पनपता था, जहां लड़का-लड़की छिपकर मिलते और भावनाएं शब्दों से ज्यादा निगाहों में झलकती थीं। फिर ऑनलाइन डेटिंग आई, जिसने प्यार ढूंढने के तरीकों को बिल्कुल नया रूप दे दिया। आज के दौर में प्यार के मायने और भी बदल रहे हैं। अब सिर्फ अकेले डेट पर जाना ही नहीं, बल्कि डबल डेटिंग का ट्रेंड भी तेजी से बढ़ रहा है। इसमें दो कपल साथ समय बिताते हैं, जिससे झिझक कम होती है और दोस्ती के साथ प्यार भी गहराता है। यह प्यार की पाठशाला का नया सब्जेक्ट बन चुका है। चलिए जानते हैं क्या है ये डबल डेटिंग?
डबल डेटिंग है क्या? – आज के समय में डबल डेटिंग कल्चर तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। इसमें लोग अकेले डेट पर जाने के बजाय दो कपल्स या दो लड़के और दो लड़कियां एक साथ मिलते हैं, यानी एक डेट पर कुल चार लोग शामिल होते हैं। हर किसी का अपना पार्टनर होता है, लेकिन सभी साथ में कैफे, मूवी, पार्क, रेस्तरां या किसी खास एक्टिविटी के लिए जाते हैं।
इससे माहौल ज्यादा सहज और सुरक्षित महसूस होता है। टिंडर की ईयर इन स्वाइप 2025 रिपोर्ट के मुताबिक, डबल डेटिंग का चलन तेजी से बढ़ रहा है, जिसमें महिलाएं सबसे आगे हैं और इस ट्रेंड को आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभा रही हैं।
ये ऑनलाइन कैसे काम करता है? – टिंडर, जो एक लोकप्रिय ऑनलाइन डेटिंग प्लेटफॉर्म है, ने डबल डेटिंग को बढ़ावा देने के लिए एक खास फीचर लॉन्च किया है। इस फीचर का उद्देश्य यह है कि लोग अकेले डेट पर जाने के बजाय दोस्तों के साथ मिलकर नए लोगों से जुड़ सकें। इसमें दो लड़कियां और दो लड़के या दोस्तों की दो जोड़ियां एक साथ डेट कर सकती हैं। यूजर अपने तीन दोस्तों तक को जोड़कर एक टीम बना सकते हैं, जिसके बाद सभी की प्रोफाइल मिलकर एक ग्रुप कार्ड के रूप में दिखाई देती है।
जब कोई दूसरा ग्रुप इस ग्रुप कार्ड पर राइट स्वाइप करता है और आपकी टीम का कम से कम एक सदस्य भी उन्हें राइट स्वाइप कर देता है, तो तुरंत मैच बन जाता है। मैच होने के बाद दोनों ग्रुप एक ग्रुप चैट रूम में आ जाते हैं, जहां सभी एक साथ बातचीत कर सकते हैं। इसके बाद चाहें तो सभी मिलकर डबल डेट पर जाने का प्लान भी बना सकते हैं, जिससे डेटिंग ज्यादा सहज और मजेदार बन जाती है।
डबल डेटिंग से पार्टनर के बारे में कैसे पता चलता है? – डबल डेटिंग के जरिए आप अपने पार्टनर को बेहतर तरीके से परख सकते हैं। ग्रुप या फ्रेंड सर्किल में वह कैसा बर्ताव करता है, किससे और कैसे बातचीत करता है, यह उसकी पर्सनैलिटी का अलग पहलू दिखाता है। कई बार कोई व्यक्ति अकेले बातचीत में बहुत अच्छा लगता है, लेकिन ग्रुप में उसका असली स्वभाव सामने आ जाता है।
डबल डेटिंग से पता चलता है कि वह सोशल है या नहीं, दूसरों की बात सुनता है या खुद को ही सेंटर में रखता है, मजाक समझता है या हर बात पर दिखावा करता है। ऐसे माहौल में व्यक्ति ज्यादा कम्फर्टबेल होता है और बनावटीपन कम नजर आता है। इसी वजह से कई रिलेशनशिप एक्सपर्ट इसे ‘ग्रीन फ्लैग’ मानते हैं, क्योंकि इससे साफ होता है कि पार्टनर सिर्फ आपको इम्प्रेस करने के लिए नहीं, बल्कि स्वाभाविक रूप से भी अच्छा व्यवहार करता है।
कैसे आसान होता है रेड फ्लैग पहचानना? – डबल डेटिंग में अगर आपका पार्टनर रेड फ्लैग है, तो उसे पहचानना आसान हो जाता है क्योंकि आपको अपने दोस्तों की ईमानदार राय मिलती है। ग्रुप के साथ होने से कॉन्फिडेंस बढ़ता है और आप खुलकर अपनी बात रख पाते हैं, बिना इस डर के कि पार्टनर गुस्सा हो जाएगा या गलत प्रतिक्रिया देगा।
सिंगल डेट और डबल डेट – सिंगल डेट पर अक्सर कपल्स पर यह दबाव रहता है कि क्या बोलें, क्या पहनें, सामने वाला पसंद करेगा या नहीं और कहीं बातचीत रुक न जाए। इस सोच से माहौल भारी हो जाता है। वहीं डबल डेट में माहौल खुद-ब-खुद हल्का और रिलैक्स्ड रहता है। चार लोगों के साथ बातचीत के टॉपिक खत्म नहीं होते, हंसी-मजाक बढ़ता है और awkward silence जैसी परेशानी लगभग खत्म हो जाती है। सभी कम्फर्टेबल रहते हैं और मिलना ज्यादा मजेदार बन जाता है।