संगीता राघव को वायुसेना की पश्चिमी वायु कमान की ओर से ऑन द स्पॉट प्रशंसा पत्र, मेडल और प्रमाण पत्र से सम्मानित किया गया है। वह गुरुग्राम की रहने वाली हैं।
अभय सिंह राठौड़, लखनऊ: ‘मंजिल उन्हीं को मिलती है, जिनके सपनों में जान होती है। पंख से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती है।’ यह कहावत सही मायनों में उत्तर प्रदेश कैडर की पीसीएस अधिकारी संगीता राघव पर चरितार्थ होती है। विश्व बैंक की नौकरी छोड़कर प्रशासनिक सेवा में कदम रखने वाली संगीता राघव को ऑपरेशन सिंदूर में अहम भूमिका के लिए सम्मानित किया है। उन्हें यह सम्मान भारतीय वायुसेना की ओर से दिया गया है।
संगीता राघव को वायुसेना की पश्चिमी वायु कमान की ओर से ऑन द स्पॉट प्रशंसा पत्र, मेडल और प्रमाण पत्र से सम्मानित किया गया है। उन्होंने सहारनपुर में एसडीएम रहते हुए एयरफोर्स स्टेशन सरसावा के साथ मिलकर ऑपरेशन सिंदूर को सफल बनाने में योगदान दिया था। इसी सहयोग के लिए वायुसेना कमांडर एयर मार्शल जीतेंद्र मिश्रा ने उन्हें सम्मानित किया है।
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान संगीता राघव ने बतौर एसडीएम नकुड़, सहारनपुर महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभाईं थी। एयरफोर्स स्टेशन सरसावा के अधिकारियों के साथ उनका समन्वय मिशन की सफलता में निर्णायक साबित हुआ। वायुसेना ने उनकी प्रतिबद्धता और कार्यकुशलता को सराहते हुए यह सम्मान दिया।
संगीता राघव बोलीं- मेरे लिए गर्व का क्षण – सम्मान मिलने पर पीसीएस संगीता राघव ने कहा कि भारतीय वायुसेना जैसे अनुशासित और पेशेवर बल से प्रशस्ति पत्र पाना मेरे लिए गर्व की बात है। एक सिविल अधिकारी होने के नाते यह उपलब्धि मेरे जीवन का अहम पड़ाव है। यह सम्मान मुझे और बेहतर करने तथा समाज की सेवा करने के लिए निरंतर प्रेरित करेगा। उन्होंने एयर ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ एयर मार्शल जीतेंद्र मिश्रा और एएफएस सरसावा के अधिकारियों का आभार भी जताया है।
जेएनयू से पीएचडी, विश्व बैंक के प्रोजेक्ट में काम – संगीता राघव मूल रूप से हरियाणा के गुरुग्राम की निवासी हैं। उनके पिता भारतीय नौसेना से रिटायर्ड अधिकारी हैं, जबकि मां गृहिणी हैं। उन्होंने गुरुग्राम से ही अपनी स्कूली शिक्षा और ग्रेजुएशन पूरी की। इसके बाद इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी से मास्टर्स किया और फिर जेएनयू में पीएचडी में एडमिशन लिया। मास्टर्स की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने विश्व बैंक से जुड़े एक प्रोजेक्ट पर भी काम किया, जिसमें नेपाल और हिमाचल प्रदेश की यात्राएं शामिल थीं।
इस समय LDA में ओएसडी पद पर तैनात – इसी दौरान उनमें सिविल सेवा में आने और सीधे जनता की सेवा करने का संकल्प मजबूत हुआ। पीसीएस की तैयारी के दौरान संगीता रोजाना 12–13 घंटे पढ़ाई करती थीं। 2017 में पहली बार उन्होंने परीक्षा दी, लेकिन सफलता नहीं मिली। इसके बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी और 2018 में दोबारा प्रयास किया। इस बार मेहनत रंग लाई और उन्हें यूपी पीसीएस परीक्षा में दूसरी रैंक मिली थी। संगीता राघव मौजूदा समय में लखनऊ विकास प्राधिकरण में ओएसडी के पद पर तैनात हैं।
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