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मुझे अच्छा जीवनसाथी क्यों नहीं मिल रहा? इसके पीछे की श्री श्री रविशंकर ने बताई वजह


शादी जीवन के सबसे अहम फैसले में से एक है, क्योंकि पति-पत्नी एक दूसरे के सुख दुख के साथी जो होते हैं। लेकिन जिंदगी का ये महत्वपूर्ण फैसला लेने में अगर जरा सी भी चूक हो जाती है, तो जीवनभर पछतावे के अलावा कुछ नहीं रह जाता। ऐसे में मन में ये सवाल आना जायज है कि आखिर अच्छा पार्टनर ढूंढ पाना इतना मुश्किल क्यों है? और अगर वो मिल भी जाए, तो हेल्दी रिलेशनशिप को बनाकर रखना और जिंदगीभर सकारात्मकता के साथ इसे चलाना क्यों कइयों के लिए बड़ी चुनौती सा बन जाता है?
यही दो सवाल एक इंटरव्यू के दौरान जब आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर से पूछे गए, तो उन्होंने इसका ऐसा उत्तर दिया, जिसके बारे में बेहद कम ही लोग सोचते हैं। (फोटो साभार: फेसबुक@Gurudev Sri Sri Ravi Shankar)
हमारी वाइब्रेशन जिम्मेदार – रविशंकर ने बताया कि कैसे पार्टनर को लेकर असल में व्यक्ति खुद ही जिम्मेदार होता है। ‘अक्सर सही व गलत पार्टनर का चुनाव हमारी खुद की वाइब्रेशन पर निर्भर करता है। जैसे अगर हमारी वाइब्रेशन पॉजिटिव है, हम अच्छा सोचते हैं, तो निश्चित ही हम ऐसे लोगों की ओर अट्रैक्ट होते हैं, जो पॉजिटिव वाइब्स वाले होते हैं।
लेकिन अगर हमारी वाइब्रेशन नेगेटिव, डाउटफुल व लालच से भरी हुई होगी, तो हम ऐसे लोगों के साथ ही रिलेशनशिप में आते हैं, जिनमें हमारे जैसी ही वाइब्स होती हैं। इसलिए अगर आप सही पार्टनर चाहते हैं तो सबसे पहले अपनी वाइब्स को इम्प्रूव करें।’
बर्ड्स ऑफ द सेम फैदर फ्लॉक्स टुगेदर – श्री श्री रविशंकर ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा ‘एक इंग्लिश कहावत है कि बर्ड्स ऑफ द सेम फैदर फ्लॉक्स टुगेदर (एक जैसे पंख वाले पक्षी एक साथ झुंड में रहते हैं)। तो हमें सबसे पहले अपनी वाइब्रेशन पर ही काम करना होगा और आमतौर पर इस पक्ष पर लोग कम ही ध्यान देते हैं।’
तात्पर्य ये है कि समान प्रकार, रुचि, व्यक्तित्व, चरित्र या अन्य विशिष्ट गुण वाले प्राणी (आमतौर पर मनुष्य) परस्पर जुड़ते हैं। यानि जैसे आप होंगे वैसे ही लोग आपके साथ जुड़ेंगे।
कैसे लाएं सुधार? – अपनी वाइब्रेशन को बदलने का सबसे अच्छा और असरदार तरीका है कि अपनी सोच को सकारात्मक रखने की कोशिश करें। अगर जीवन में कुछ गलत भी चल रहा है, तो उसमें से कुछ पॉजिटिव एंगल निकालने की कोशिश करें।
किसी व्यक्ति से मिलें या उसमें कमी तलाशने की जगह सबसे पहले उसकी खूबियों पर ध्यान दें। इस प्रैक्टिस को जब आप बार-बार करेंगे, तो ये आपके व्यक्तित्व का ही हिस्सा बन जाएगा। इससे आपकी ओवरऑल वाइब्स भी पॉजिटिव होने लगेंगीं।
लालच और अहंकार से दूरी – लालच और अहंकार किसी भी व्यक्ति की जिंदगी को बर्बाद करने के लिए काफी हैं। चाहे व्यक्ति दिल का कितना ही अच्छा क्यों न हो, लेकिन अगर गलती से भी ये दो भाव उसमें प्रवेश कर गए, तो वो कभी खुश नहीं रह पाता।
ऐसा इसलिए भी क्योंकि इन दो भावों को मन में रखकर चलने के कारण उसे कभी भी संगत अच्छी नहीं मिलती, जो चीजों को और ज्यादा नकारात्मक्ता से भरती जाती है। इसका नतीजा ये होता है कि अगर वो जीवनसाथी तलाशने निकले, तो उसे दिल का साफ व्यक्ति नहीं मिल पाता।
शक – खुद पर शक या दूसरों पर शक करने की आदत, ये दोनों ही चीजें ऐसी हैं, जो रिश्ते को तोड़ने के लिए काफी है। और ये सिर्फ कपल पर ही नहीं, बल्कि हर तरह की रिलेशनशिप पर लागू होती है।
शकी मिजाज व्यक्ति को हमेशा चीजों में नकारात्मकता ही दिखाई देती है और वो किसी भी चीज पर यकीन नहीं कर पाता। जब कोई व्यक्ति विश्वास करने की ही क्षमता न रखता हो, तो भला कोई उसके साथ कैसे ही रह सकेगा।