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अपने ही मां-बाप को क्‍यों नापसंद करते हैं बच्‍चे? नामचीन स्‍पीकर ने बताई वो वजह जो आपने कभी सोची भी नहीं होगी


​आपको जानकर हैरानी होगी कि कई बार बच्चे भी अपने माता-पिता से परेशान हो जाते हैं। कई बार तो पेरेंट्स बच्चों के स्ट्रेस की बड़ी वजह तक हो सकते हैं। वहीं, मोटिवेशनल स्पीकर विजेंद्र भी कहते हैं कि बच्चों की मेंटल हेल्थ पर माता-पिता का व्यवहार गहरा असर डालता है। जानिए, बच्चों को इस स्थिति में क्या करना चाहिए।
ऐसा नहीं है कि मां-बाप ही अपने बच्‍चे को लेकर परेशान रहते हैं बल्कि कई बार ऐसा भी होता है, जहां पर बच्‍चे अपने पेरेंट्स की वजह से परेशान रहते हैं या उन्‍हें नापसंद करते हैं। मोटिवेशनल स्‍पीकर और एजुकेटर डॉक्‍टर विजेंद्र चौहान ने अपने यूट्यूब चैनल पर एक वीडियो शेयर कर के बच्‍चों के पेरेंट्स को नापसंद करने पर बात की है।
उन्‍होंने बताया कि पश्चिमी देशों की बात करें तो वहां पर यूनिवर्सिटी ऑफ मिशिगन की एक स्‍टडी में सामने आया कि 27 पर्सेंट वयस्‍क अपने पेरेंट्स की वजह से स्‍ट्रेस में होते हैं।
पेरेंट्स की वजह से होता है तनाव – डॉक्‍टर विजेंद्र ने कहा कि जब वो खुद अपने देश में बच्‍चों से मिलते और बात करते हैं, तो वे उन्‍हें बताते हैं कि उन्‍हें क्‍या चीजें स्‍ट्रेस देती हैं और इसमें मां-बाप की वजह से होने वाला तनाव भी शामिल है। लोगों को इस विषय को गंभीरता से समझने की जरूरत है कि मां-बाप किस तरह से बच्‍चों के लिए तनाव बन जाते हैं।
टॉक्सिक पेरेंटिंग है कारण -अपनी वीडियो में डॉक्‍टर विजेंद्र ने बताया है कि बच्‍चों को अपने पेरेंट्स के कारण होने वाले तनाव की वजह टॉक्सिक पेरेंटिंग है। इसमें बच्‍चों की ऐसे परवरिश की जाती है जिससे बच्‍चों के विकास पर नकारात्‍मक प्रभाव पड़ता है। आगे जानते हैं कि ये टॉक्सिक पेरेंटिंग क्‍या होती है।
क्या होती है यह पेरेंटिंग -Verywellmindमें प्रकाशित एक लेख के अनुसार टॉक्सिक रिलेशनशिप में आपका मानसिक, भावनात्‍मक और शारीरिक स्‍वास्‍थ्‍य खतरे में होता है। जब पेरेंट्स बच्‍चे की जिंदगी में बहुत ज्‍यादा दखल देने लगते हैं और वो उसे हर चीज से बचाने के लिए ऐसा करते हैं, तब बच्‍चा खुद को टॉक्सिक रिलेशन में महसूस करने लगता है।
बातचीत नहीं होती है – इसमें बच्‍चे और पेरेंट्स के बीच कोई पर्सनल बाउंड्री नहीं होती है, बातचीत की कमी होती है या बात करने के सारे तरीके बस आलोचना पर आधारित होते हैं। इस स्थिति को आप टॉक्सिक पेरेंटिंग कह सकते हैं।
क्‍या करें बच्‍चे – psychcentralके अनुसार बच्‍चों को कभी भी उस इंसान को बदलने की कोशिश नहीं करनी चाहिए, जो बदलना ही नहीं चाहता है। इससे आप चिड़चिड़े हो सकते हैं। इसके बजाय आप वो काम करें, जो आपके बस में है जैसे कि आपको अपने पेरेंट्स को किस तरह की प्रतिक्रिया देनी है, आपके पास क्‍या विकल्‍प हैं और आपको कैसा व्‍यवहार करना है।