
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन दो दिसवीय भारत दौरे पर हैं। पुतिन को दुनिया के ताकतवर नेताओं में पहचाना जाता है। लेकिन रूसी राष्ट्रपति पुतिन इंटरनेट की दुनिया से कटे हुए हैं। वे न तो सोशल मीडिया पर हैं और न ही स्मार्टफोन रखते हैं। दरअसल, पुतिन इंटरनेट से दूर रहते हैं, वह इंटरनेट नहीं चलाते हैं। पुतिन ने बहुत पहले इंटरनेट को ‘CIA का प्रोजेक्ट’ बताया था। CIA अमेरिका की इंटेलिजेंस एजेंसी है, जिसे रूस खतरनाक मानता है। चलिए जानते हैं कि पुतिन की इंटरनेट थ्योरी क्या है?
पुतिन ने इंटरनेट के बारे में क्या कहा था? – द गार्जियन की रिपोर्ट के मुताबिक (Ref.), अप्रैल 2014 में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सेंट पीटर्सबर्ग में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। इसमें पुतिन ने इंटरनेट को ‘CIA का प्रोजेक्ट’ कहा था। उन्होंने दावा किया कि अमेरिका की खुफिया एजेंसी सीआईए ने शुरू में इंटरनेट बनाया था और अभी भी उसे बढ़ा रही है। इस बयान ने दुनिया भर में सुर्खियां बटोरी थीं।
इससे पहले 2013 में अमेरिकी खुफिया एजेंसी NSA के पूर्व कर्मचारी एडवर्ड स्नोडेन ने बड़ा खुलासा किया था। उन्होंने बताया था कि अमेरिका- फेसबुक, स्काइप और दूसरी सोशल मीडिया साइट्स पर बड़े पैमाने पर जासूसी कर रहा है। इसके बाद जर्मनी, ब्राजील समेत कई देशों में लोग इंटरनेट को अमेरिकी कंट्रोल से अलग करने की बात करने लगे थे। पुतिन का भी कुछ-कुछ ऐसा ही मानना है।
रूस चाहता है अपना अलग इंटरनेट – पुतिन लंबे समय से कहते आए हैं कि रूस को अपना अलग इंटरनेट चाहिए। उनका मानना था कि मौजूदा इंटरनेट से रूस के हितों को खतरा है। पुतिन कह चुके हैं कि रूस को अपने ऑनलाइन हितों की रक्षा करनी होगी। कुछ लोग डर रहे थे कि अगर रूस अपना अलग नेटवर्क बना लेगा तो वहां सरकार आसानी से लोगों पर नजर रख सकेगी। एडवर्ड स्नोडेन रूस के अस्थायी शरणार्थी रह चुके हैं। उन्होंने एक टीवी कार्यक्रम में पुतिन से सवाल किया था कि क्या रूस भी लोगों के फोन और इंटरनेट की जासूसी करता है। पुतिन ने हंसते हुए कहा था कि उम्मीद है हम ऐसा नहीं करते, हमारे पास अमेरिका जितना पैसा नहीं है।
इंटरनेट को किसने बनाया? – पुतिन की थ्योरी से इतर, इंटरनेट का आविष्कार किसी एक व्यक्ति या संस्था ने नहीं किया, बल्कि यह कई चरणों में हुआ। इसकी शुरुआत 1960 के दशक में हुई, जब ARPANET (एडवांस्ड रिसर्च प्रोजेक्ट्स एजेंसी नेटवर्क) का निर्माण हुआ। 1983 में ARPANET को इंटरनेट में बदल दिया गया। 1989 में ब्रिटिश वैज्ञानिक टिम बर्नर्स-ली ने वर्ल्ड वाइड वेब (WWW) का आविष्कार किया, जिसने इसे आम जनता के लिए उपलब्ध कराया।
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