नई दिल्ली: कप्तान केन विलियमसन के शतक और लक्ष्य का पीछा करने में माहिर भारतीय बल्लेबाजों के लचर प्रदर्शन से न्यूजीलैंड ने दूसरे एकदिवसीय अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट मैच में 6 रन से जीत दर्ज करके 5 मैचों की श्रृंखला को 1-1 से बराबर कर लिया है और इसी जीत ने यह इतिहास को पलट कर रख दिया है। जी हां, फिरोजशाह कोटला में भी भारत का पिछले 11 साल से किसी भी प्रारूप में चला आ रहा विजय अभियान थम गया है।
दरअसल, फिरोजशाह कोटला में 11 साल से चल रहा भारत का अजेय सफर इस हार के साथ खत्म हो गया। भारतीय टीम 13 साल में पहली बार कीवी टीम के खिलाफ अपनी धरती पर कोई वनडे मैच हारी है।
न्यूजीलैंड ने बनाए थे 9 विकेट पर 242 रन
विलियमसन ने 118 रन बनाए जो किसी कीवी कप्तान का भारत के खिलाफ सर्वाेच्च स्कोर है। उन्होंने अपनी पारी में 118 गेंदों का सामना किया तथा 14 चौके और 1 छक्का लगाया। विलियमसन ने इस बीच टाम लैथम (46) के साथ दूसरे विकेट के लिए 120 रन की साझेदारी की। भारत ने हालांकि अंतिम दस ओवरों में शानदार वापसी करके केवल 40 रन दिए और इस बीच 6 विकेट लिए। इस कारण न्यूजीलैंड 9 विकेट पर 242 रन ही बना पाया।
भारतीय बल्लेबाज में सामंजस्य की कमी
भारतीय बल्लेबाज शुरू से ही परिस्थितियों से सामंजस्य नहीं बिठा पाए। कप्तान महेंद्र सिंह धोनी (39 )और केदार जाधव (41) ने छठे विकेट के लिए 66 रन जोड़कर उम्मीद जगाई जबकि हार्दिक पंड्या की 32 गेंदों पर 36 रन की पारी ने दर्शकों में जोश भरा लेकिन आखिर में भारत 49.3 ओवर में 236 रन पर आउट हो गया।
पहला मैच भारत ने किया था अपने नाम
न्यूजीलैंड ने इससे पहले भारत को वनडे में उसकी सरजमीं पर 2003 में कटक में हराया था। इस बीच उसने वनडे में भारत से उसकी धरती पर 7 मैच गंवाए थे। यही नहीं वर्तमान दौरे में टैस्ट श्रृंखला 0-3 से गंवाने और धर्मशाला में पहले वनडे में करारी हार के बाद कीवी टीम ने पहली जीत का स्वाद चखा।