प्रेग्नेंसी और शिशु के विकास को सप्ताह के जरिए मापा जाता है। पूरी प्रेग्नेंसी नौ महीने या 39 से 40 हफ्तों की होती है। शिशु के विकास के लिए प्रेग्नेंसी का हर एक सप्ताह अहम होता है और प्रत्येक सप्ताह में शिशु का विकास एक स्टेज आगे बढ़ता है। जब भी किसी प्रेगनेंट महिला का नया सप्ताह शुरू होता है, तो वो यही सोचती है कि इस हफ्ते में उसका शिशु कितना बड़ा हो चुका होगा या उसके किन-किन अंगों का विकास हो चुका होगा। आज हम आपको इस आर्टिकल में बता रहे हैं कि प्रेग्नेंसी के आठवें हफ्ते में शिशु का कितना विकास हो चुका होता है।
8वें हफ्ते में शिशु का विकास – नेशनल हेल्थ सर्विस के अनुसार शिशु के पैर पहले से लंबे हो चुके हैं। हालांकि, पैरों के भिन्न हिस्सों को अभी भी ठीक से अलग तरह से पहचाना नहीं जा सकता है। पहले के घुटनों, एडियों, जांघों और पंजों का विकास आगे बढ़ चुका है। अभी भी शिशु गर्भ के अंदर एम्नियोटिक थैली में है और प्लेसेंटा लगातार विकसित हो रहा है और गर्भ की दीवार से प्लेसेंटा को जोड़ने के लिए संरचना बन रही है।
बेबी का कितना साइज है – Healthline के अनुसार इस समय शिशु का साइज राजमा के जितना है। वो आधा इंच लंबा या 11 से 14 मिलीमीटर का हो चुका है। इस समय शिशु बहुत तेजी से विकास कर रहा है। उसकी बांह, पैर, उंगलियं, पैर की उंगलियां, हड्डियां और मांसपेशियां निकलने लगी हैं। एम्ब्रियोनिक टेल लगभग जा चुकी है।
फेशियल फीचर्स बनने लगे हैं – शिशु के यूनिक फेशियल फीचर्स लगातार विकसित हो रहे हैं और उसके अंदरूनी अंग भी बन रहे हैं। बेबी की नाक और ठोड़ी के ऊपरी हिस्से ने शेप लेना शुरू कर दिया है। कान की संरचना का निर्माण भी शुरू हो गया है और आईलिड फोल्ड अब आंशिक रूप से आंखों को ढकने लगे हैं। आपको अभी महसूस नहीं होगा कि गर्भ में शिशु ने मूव करना शुरू कर दिया है।
मस्तिष्क का विकास भी हो रहा है – शिशु का शारीरिक विकास ही नहीं बल्कि मस्तिष्क में नसों की कोशिकाओं ने भी न्यूरल पाथवे बनाना शुरू कर दिया है और अब आपके शिशु की सूंघने की क्षमता का विकास होना शुरू हो चुका है। इससे आप जो भी खाती हैं, उसकी गंध बच्चा ले सकता है।
जुड़वां बच्चों का विकास – आठवें हफ्ते के खत्म होने तक आपके दोनों शिशु आधे इंच लंबे होंगे। अब वो शिशु की तरह दिखना शुरू करेंगे। उनके हाथ लंबे हो चुके हैं, कान बन रहे हैं और अपर लिप और नाक का निमार्ण भी शुरू हो गया है। जुड़वां बच्चे होने पर मां को ज्यादा पोषण की जरूरत होती है इसलिए आप इस समय कैल्शियम, फोलिक एसिड, आयरन, प्रोटीन लें। अगर आपको प्रेग्नेंसी के लक्षण ज्यादा परेशान कर रहे हैं तो इस बारे में डॉक्टर को बताएं।