
दोस्त बनाने से कतराता है आपका बच्चा, खुद आगे बढ़कर इस तरह करें उसकी मदद और जगाएं आत्मविश्वास
दोस्त बनाने के मामले में या तो बच्चे माहिर होते हैं या फिर उन्हें दोस्त बनाने में मुश्किल आती है। बच्चों के सोशल स्किल्स तो डेवलेप हुए ही नहीं होते हैं और जिंदगी को लेकर अल्हड़ होने की वजह से भी वो अक्सर दोस्त बनाने में पीछे रह जाते हैं।
अगर आपके बच्चे को भी दोस्त बनाने में दिक्कत या हिचक महसूस होती है, तो आप खुद इस काम में उसकी मदद कर सकते हैं। जी हां, यहां हम आपको कुछ ऐसे तरीकों के बारे में बता रहे हैं जिनकी मदद से आप अपने बच्चे को दोस्त बनाने में हेल्प कर सकते हैं।
सोशन एंग्जायटी करें दूर : कुछ बच्चों को अजनबियों या नए लोगों से बात करने में हिचक महसूस होती है। ऐसे में बच्चे या तो अजीब व्यवहार करने लगते हैं या बात करने से ही कतराते हैं। इससे उनके नए दोस्त बन पाना और भी मुश्किल हो जाता है।
पेरेंट्स को बच्चों की सोशल एंग्जायटी यानि लोगों से बात करने में हिचक या डर महसूस होने की प्रवृत्ति को दूर करने में मदद करनी चाहिए। बच्चों की मुश्किलों को सुलझाने की क्षमता में भी सुधार करें। उन्हें समय दें और दोस्त बनाने या लोगों से घुलने-मिलने के लिए जबरदस्ती न करें।
प्यार से आएं पेश : स्वार्थी और अपने से ही प्यार करने वाला इंसान, किसी को पसंद नहीं आता है। बच्चों को भी ऐसे लोगों के आसपास रहना अच्छा नहीं लगता है जो सिर्फ अपने बारे में ही सोचते हों।
इसलिए आप भी अपने बच्चे को इस तरह के अवगुणों से दूर रखने की कोशिश करें। उसे दयालु और दूसरों की मदद करने वाला बनाएं। इस तरह बाकी लोग उसे अपने बराबर मानकर उससे दोस्ती करने के लिए खुद हाथ बढ़ाएंगे।
भावनाओं को व्यक्त करना सिखाएं : हर बच्चा इतना एक्टिव नहीं होता है कि अपने मन की बात खुलकर बता पाए। दोस्ती में आप खूब बातें करते हैं और अपने मन की हर बात शेयर करते हैं।
इसलिए दोस्त बनाने के लिए आपको अपने बच्चे को अपने इमोशंस और बातें शेयर करना सिखाना होगा। उसे बताएं कि वो अपने दोस्तों से अपनी हर बात शेयर कर सकता है। उन्हें बात शुरू करने की ट्रिक्स और टिप्स भी दें।
फन एक्टिविटीज : एक्टिविटीज में बच्चों को बहुत मजा आता है और इस दौरान वो आसानी से एक-दूसरे के साथ घुल-मिल पाते हैं। बच्चों के लिए फन एक्टिविटीज शुरू करें और उसमें प्रतियोगिता की बजाय सहयोग करना सिखाएं। इससे बच्चे सोशल स्किल्स सीख पाएंगे।
अगर आपको अपने बच्चे के व्यवहार में कोई नेगेटिविटी दिख रही है तो इसे नजरअंदाज न करें। यदि उसे बहुत जल्दी गुस्सा आ जाता है तो उसे इस आदत को कंट्रोल करना सिखाएं। आप उसे गुस्से को कंट्रोल करने के तरीके बताएं और इससे होने वाले नुकसानों के बारे में भी बताएं।
बच्चों की परवरिश में पेरेंट्स की भूमिका बहुत अहम होती है। आपका बच्चा जिस भी चीज में कमजोर है, उसमें उसे मजबूत करने में आप उसकी मदद कर सकते हैं, बस आपको सही तरीका पता होना चाहिए।
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