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जल, थल, नभ… चीन ने पहली बार दिखाया न्यूक्लियर ‘ट्रायड’, परेड में दिखीं JL-1, JL-3 और DF-5 मिसाइलें, सामने बैठे थे मुनीर


JL-1, JL-3, DF-61 और DF-31BJ के प्रदर्शन से चीन ने दुनिया को अपनी विनाशक क्षमता से वाकिफ करवाया है। चीन ने ये साबित करने की कोशिश की है, कि चीन अब एक पूर्ण परमाणु ट्रायड शक्ति बन चुका है। भूमि, समुद्र और वायु से हमला करने की उसकी शक्ति को दुनिया हल्के में नहीं ले सकती है।
चीन ने तीन सितंबर को दुनिया के सामने अपनी विनाशक शक्ति का प्रदर्शन किया है। दुनिया में अमेरिका, चीन, भारत, रूस और फ्रांस ही ऐसे देश हैं, जिनके पास न्यूक्लियर ट्रायड, यानि जमीन, आकाश और पानी से परमाणु हमला करने की क्षमता है। चीन ने राजधानी बीजिंग में अपनी उसी क्षमता का प्रदर्शन किया है। ये विनाशक हथियार दुनिया में कहीं भी तबाही मचा सकते हैं। हालांकि चीन भी भारत की ही तरह परमाणु हथियारों को लेकर ‘नो फर्स्ट यूज’ नीति को अपनाता है। चीन के न्यूक्लियर डॉक्ट्रिन में कहा गया है कि वो किसी ऐसे देश के खिलाफ परमाणु हथियारों का इस्तेमाल नहीं करेगा, जिनके पास परमाणु हथियार नहीं हैं।
बीजिंग में चीन ने जिन हथियारों का प्रदर्शन किया है, उनमें से कुछ हथियार ऐसे हैं जो अमेरिका को पूरी तरह से दुनिया के नक्शे से मिटा सकते हैं। चीन ने JL-1, पनडुब्बी से लॉन्च होने वाले JL-3, और भूमि आधारित DF-61 और DF-31BJ अंतरमहाद्वीपीय मिसाइलों को दुनिया के सामने प्रदर्शन किया है। ग्लोबल टाइम्स में चीनी एक्सपर्ट्स का कहना है कि अब चीन की परमाणु प्रतिरोधक और प्रतिघात क्षमता कई गुना मजबूत हो गई है। सबसे खास बात ये है कि चीन जब अपने परमाणु हथियारों का प्रदर्शन कर रहा था, उस वक्त पाकिस्तान के फील्ड मार्शल असीम मुनीर भी मौजूद थे, जो आजकल बात बात पर भारत को परमाणु हमले की धमकी देते रहते हैं।
JL-1 एयर-लॉन्च्ड लॉन्ग-रेंज मिसाइल – मिलिट्री परेड के दौरान जिस हथियार ने सबसे ज्यादा ध्यान खींचा, उनमें JL-1 एयर-लॉन्च्ड लॉन्ग-रेंज मिसाइल की काफी चर्चा हो रही है। इसे चीन ने पहली बार प्रदर्शित किया है। इस मिसाइल को स्ट्रैटजिक बॉम्बर्स से दागा जा सकता है और यह चीन के लिए एक परमाणु हमला करने का एक नया विकल्प प्रदान करती है। इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसका प्रक्षेपण स्थान और समय का अनुमान लगाना बेहद मुश्किल है, जिससे दुश्मन के लिए इसे रोक पाना लगभग असंभव हो जाता है। चीनी एक्सपर्ट्स का कहना है कि वायु आधारित रणनीतिक परमाणु बल, तेज प्रतिक्रिया देने में सक्षम होते हैं और इन्हें “सबसे भरोसेमंद सेकेंड स्ट्राइक फोर्स” माना जाता है।