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लिपुलेख पर भारत की शिकायत लेकर जिनपिंग के पास पहुंचे थे ओली, चीनी राष्ट्रपति ने बोलती कर दी बंद, जानें क्या दिया जवाब


नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने चीन के राष्ट्रपति से मुलाकात की थी, जिसमें उन्होंने लिपुलेख के जरिए भारत और चीन के बीच सीमा व्यापार शुरू करने को लेकर आपत्ति जताई थी। उन्होंने इसे नेपाल का क्षेत्र बताया था।
भारत और नेपाल के बीच लिपुलेख को लेकर विवाद अब चीन तक पहुंच गया है। नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने चीन के राष्ट्रपति से मुलाकात के दौरान यह मुद्दा उठाया और कहा कि लिपुलेख नेपाल का क्षेत्र है। ओली ने बीते शनिवार को चीनी राष्ट्रपति से मुलाकात की थी। इस दौरान उन्होंने भारत और चीन के बीच लिपुलेख को सीमा व्यापार मार्ग के रूप में फिर से खोलने के लिए हुए समझौते को लेकर आपत्ति जताई। ओली की आपत्तियों को चीनी राष्ट्रपति ने यह कहकर खारिज कर दिया कि यह भारत और नेपाल के बीच का द्विपक्षीय मुद्दा है।
भारत ऐतिहासिक रूप से लिम्पियाधुरा, कालापानी के साथ लिपुलेख पर अपना दावा करता रहा है। इस पर विवाद तब बढ़ा जब नेपाल ने साल 2020 में इस क्षेत्र पर दावा करने के लिए एक नक्शा प्रकाशित किया। भारत ने इसे खारिज किया और कहा कि तीनों क्षेत्र भारत का अभिन्न अंग हैं और कोई भी एकतरफा कार्रवाई इसे बदल नहीं सकती है। पिछले महीने 19 अगस्त को चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने नई दिल्ली का दौरा किया था। इस दौरान भारत और चीन के बीच लिपुलेख को व्यापार मार्ग के रूप में खोलने पर सहमति बनी थी।