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छह महीने इंतजार और आते ही उठा लिया, मॉस्को में तैनात पाकिस्तानी अय्यार कैसे दबोचा गया, जानिए कहानी


यूपी ATS ने मिलिट्री इंटेलिजेंस की सूचना पर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी (ISI) के लिए काम करने के आरोप में सत्येंद्र सिवाल को गिरफ्तार किया है। विदेश मंत्रालय में काम करने वाला सत्येन्द्र फिलहाल रूस के मॉस्को में डेपुटेशन पर तैनात था। आरोप है कि वह मॉस्को जाने के बाद से ही ISI के लिए काम करने लगा था। उसे वहां से अक्सर कॉल आते थे। वे लोग उसे पैसों का लालच देकर भारतीय सेना की जानकारियां हासिल करते थे। सत्येंद्र सिवाल पर पिछले छह महीने से एजेंसियों की ओर से नजर रखी जा रही थी। परिवार में एक शादी के लिए अपने पैतृक स्थान हापुड़ आए सत्येंद्र सिवाल को रविवार को यूपी के आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने अरेस्ट कर लिया। एटीएस अधिकारियों ने कहा कि सतेंद्र सिवाल (27) को विदेश मंत्रालय ने 2021 में सुरक्षा सहायक के रूप में रूसी राजधानी में नियुक्त किया था। पूछताछ के दौरान उसने भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल होने की बात कबूल की।
सिवाल की गिरफ्तारी एटीएस को मिली एक गुमनाम सूचना पर आधारित थी। ISI एजेंट विदेश मंत्रालय के कर्मचारियों को पैसे का लालच देकर भारतीय सैन्य जानकारी निकालने की कोशिश कर रहे हैं। ATS के अडिशनल डायरेक्टर जनरल मोहित अग्रवाल ने बताया कि सिवाल उनमें से एक है। मॉस्को में भारतीय दूतावास में तैनात सिवाल की गिरफ्तारी के बाद दिल्ली में सरकारी सूत्रों ने कहा कि विदेश मंत्रालय इस मुद्दे से अवगत है और जांच अधिकारियों के साथ काम कर रहा है। यह अभी तक स्पष्ट नहीं है कि क्या सिवाल केवल पैसे के लिए काम कर रहा था या उसे ISI हनीट्रैप में फंसाया गया था।
एटीएस उसके सहयोगियों के बारे में अधिक जानकारी जुटाने के लिए उसके बैंक खातों और मोबाइल फोन को स्कैन कर रही है। हापुड़ देहात के शाह मोहिउद्दीनपुर गांव में सिवाल की चाची बबीता रानी ने कहा कि उन्हें अपने भतीजे की गिरफ्तारी के बारे में तब पता चला जब एक पुलिस टीम ने रविवार सुबह परिवार के दरवाजे पर दस्तक दी। वह अपने चचेरे भाई की शादी में शामिल होने के लिए 28 जनवरी को मॉस्को से घर आया था। सिवाल चार भाई-बहनों में दूसरे नंबर का है। दो बहनों की शादी हो चुकी है, जबकि छोटा भाई सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहा है। गांव की अंगूरी देवी ने कहा कि हम कल्पना भी नहीं कर सकते थे कि लड़के पर जासूसी करने का आरोप लगेगा। उसका व्यवहार अच्छा है और उसका परिवार में भी सज्जन लोग हैं।
सिवाल को 2021 में मॉस्को में तैनात किया गया था। सिवाल जाहिर तौर पर कई विदेश मंत्रालय के कर्मचारियों में सा था जिसे आईएसआई ने उनके लिए काम करने के लिए लुभाने की कोशिश की थी। रूस के साथ मजबूत रक्षा और सुरक्षा सहयोग में रणनीतिक संबंधों को देखते हुए, मॉस्को भारतीय अधिकारियों के लिए एक संवेदनशील पोस्टिंग है। पूर्व में भारत ने इस्लामाबाद से ऐसे दो कर्मचारियों को तुरंत वापस बुला लिया था, जब यह पाया गया कि वे पाकिस्तानी एजेंसी द्वारा हनीट्रैप में फंस गए थे। भारतीय उच्चायोग के प्रेस प्रभाग में कार्यरत माधुरी गुप्ता को 2010 में गिरफ्तार कर लिया गया था, जब उसे एक आईएसआई अधिकारी से प्यार हो गया था और उसने अफगानिस्तान में भारत की उपस्थिति के बारे में दस्तावेज उसके साथ साझा कर दिए थे।