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आईआईटी से ही मुकाबला नहीं… भारत से बराबरी पर शहबाज शरीफ को पाकिस्तानियों ने सुना डाला, मिशन मून का भी उड़ाया मजाक


पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने बीते सप्ताह बयान दिया था कि अगर पाकिस्तान ईमानदारी से मेहनत करे तो भारत को इकोनॉमी में भारत को पीछे छोड़ सकता है। सिर्फ भारत ही नहीं, उसके बड़ी अर्थव्यवस्था को भी पीछे छोड़ देगा। शहबाज शरीफ ने ये बयान ऐसे समय में दिया जब पाकिस्तान खुद कंगाली से जूझ रहा है। पाकिस्तान लगातार खुद को दिवालिया होने से बचाने के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के दरवाजे पर फरियाद कर रहा है, लेकिन पाकिस्तानी पीएम भारत से मुकाबला करने का ख्वाब देख रहे हैं। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के इस बयान पर पाकिस्तान की जनता क्या सोचती है, आइए जानते हैं।
भारत की आईआईटी से ही मुकाबला नहीं – पाकिस्तान की यूट्यूबर सना अमजद ने शहबाज शरीफ के बयान पर पाकिस्तान में आम लोगों की राय जानने की कोशिश की तो सबने अपने ही प्रधानमंत्री की क्लास लगा डाली। लाहौर की इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी यूनिवर्सिटी (ITU) से इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले अब्दुल्ला ने कहा, पाकिस्तान की जो हालत है, वो कभी भी भारत को पीछे नहीं छोड़ सकता है। अब्दुल्ला ने अपनी यूनिवर्सिटी का उदाहरण देते हुए बताया कि आईटीयू 2012 में बनी थी तो कहा गया था कि यह भारत की आईआईटी का मुकाबला करेगी। अभी तक आईटीयू का मुख्य कैंपस नहीं बन पाया है, जबकि 10 सालों में भारत 2 से 3 नए आईआईटी कैंपस खोल चुका है। हम कहां से उनका मुकाबला करेंगे।
अब्दुल्ला ने कहा कि एक हमारा मुल्क है, जो हर बात पर अमेरिका के पास पहुंच जाता है। वहीं, हमारा पड़ोसी भारत है, जो सिर्फ इस बात पर काम करता है कि उसके लिए किस चीज में फायदा है। उन्होंने भारत के विकास के लिए लोकतंत्र को सबसे बड़ा जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद भारत के नेताओं ने लोकतांत्रिक रवैया अपनाया और देश के विकास के लिए काम किया।
चांद पर पहुंचने को बताया बेकार – पाकिस्तान के चांद पर पहुंचने को उन्होंने कहा कि आज हमने एक मिशन भेजा है चांद के लिए वो भी चीन की मदद से पहुंचा है। हमारी तो ये भी क्षमता नहीं है कि हम एक सैटेलाइट भी भेज दें, जो कि आज एक सामान्य मिशन समझा जाता है। दूसरी तरफ भारत है, जिसने चांद के दक्षिणी ध्रुव पर लैंड करके दुनिया को दिखा दिया। उन्होंने कहा कि आज भी पाकिस्तान ये मान ले कि हमसे कुछ नहीं हुआ है और अब से करेंगे तो भी कुछ नहीं बिगड़ा है, लेकिन कम से कम हवाई बातें करनी छोड़ देनी चाहिए।
शहबाज के बयान पर उठाया सवाल – बाबर अली ने कहा, शहबाज शरीफ साहब क्या कह रहे हैं कि हम मेहनत करेंगे तो भारत को पीछे कर देंगे। तो क्या हम 70 साल से कुछ नहीं कर रहे हैं। ये तो शहबाज शरीफ ही बता सकते हैं कि वो किस तरह से भारत को पीछे करेंगे। हालांकि, पाकिस्तान में कुछ लोग ऐसे भी हैं जो शहबाज शरीफ के बयान से इत्तिफाक भी रखते हैं। मलिक बाबर ने कहा, हां हम भारत से मुकाबला कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की तारीफ में जो सबसे ज्यादा तरक्की हुई है वो पीएमएल-एन की सरकार के दौर में आई है।