विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने रविवार को 1985 में ‘कनिष्क’ विमान बमकांड को याद कर भावुक हो गए और कहा कि यह हमला इतिहास में आतंकवाद के सबसे बुरे कृत्यों में से एक है। बम विस्फोट की घटना के 39 साल पूरे होने पर उनकी यह टिप्पणी कनाडा की धरती से खालिस्तानी चरमपंथियों की बढ़ती गतिविधियों के कारण भारत और कनाडा के बीच संबंधों में तनाव के बीच आई है।
मॉन्ट्रियल-नयी दिल्ली एयर इंडिया ‘कनिष्क’ उड़ान संख्या-182 में 23 जून 1985 को लंदन के हीथ्रो हवाई अड्डे पर उतरने से 45 मिनट पहले विस्फोट हो गया, जिससे विमान में सवार सभी 329 लोग मारे गए थे। इनमें ज्यादातर भारतीय मूल के कनाडाई थे। यह बम सिख आतंकवादियों ने ‘ऑपरेशन ब्लूस्टार’ के जवाब में रखा था। यह अभियान अमृतसर में स्वर्ण मंदिर को आतंकवादियों से मुक्त कराने के लिए 1984 में चलाया गया था।
विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि बम विस्फोट की यह घटना इस बात की याद दिलाती है कि आतंकवाद को कभी बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए। जयशंकर ने ‘एक्स’ पर कहा कि आज इतिहास में आतंकवाद के सबसे बुरे कृत्यों में से एक के 39 साल पूरे हो गए। उन्होंने कहा, ‘‘मैं एआई-182 ‘कनिष्क’ के 329 पीड़ितों की स्मृति में अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं, जो 1985 में इसी दिन मारे गए थे। मेरी संवेदनाएं उनके परिवारों के साथ हैं।”
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