कहते हैं कि हर एक चीज के दो पहलू होते हैं – एक अच्छा, तो दूसरा बुरा.. ऐसा ही टेक्नोलॉजी के मामले में है। अगर इसका सही से इस्तेमाल किया जाए, तो यह आपकी लाइफ आसान बना सकती है। वही अगर गलत इस्तेमाल किया जाए, तो कई लोगों की लाइफ बर्बाद हो सकती है। ऐसा ही हिडेन कैमरे के मामले में हो रहा है, जिसके सही इस्तेमाल से ट्रैफिक चालान और चोरी की घटनाओं को रोकने में मदद मिल रही है। वही इसके गलत इस्तेमाल से लोगों को प्राइवेट वीडियो शूट करके वायरल किया जा रहा है, जिससे लोग डिप्रेशन में जा रहे हैं। साथ ही आत्महत्या जैसा कदम उठा रहे हैं। इससे बचने के लिए आपको किसी होटल या रूम में जाने से पहले हिडेन कैमरे की जरूर जांच कर लेनी चाहिए।
कैमरे खोजने के सामान्य तरीके – सबसे पहले कमरे की लाइट बंद कर दें। इसके बाद फोन या किसी अन्य फ्लैशलाइट से नजदीक से जांच करने पर कैमरे के लेंस से निकलने वाली लाइट दिखती हैं। कोई लाल या कोई अजीब रोशनी दिखें, तो उसकी तुरंत जांच करें। बता दें कि मोबाइल का कैमरा इन्फ्रारेड लाइट को पकड़ लेता है।
कुछ मोबाइल ऐप्स हैं जो कैमरे डिटेक्ट करने में मदद कर सकते हैं. ये ऐप्स आपके फोन के कैमरे का इस्तेमाल करके इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन का पता लगाते हैं, जो कि कई कैमरे से उत्सर्जित होता है।
आपके घर के वाई-फाई नेटवर्क में अनजाने डिवाइस हो सकते हैं, जो कि छिपे हुए कैमरे हो सकते हैं। अपने वाई-फाई राउटर की सेटिंग्स में देखें कि कौन से डिवाइस जुड़े हुए हैं। वही अगर आप मोबाइल फोन में वाई-फाई सर्च करते हैं, तो कैमरा वाई-फाई से हिडेन कैमरे का पता लगाया जा सकता है।
फिजिकल चेकइसके अलावा हर यूजर्स को फिजिकल तौर पर भी हिडेन कैमरे को सर्च करना चाहिए। अगर आपको किसी जगह कोई संदेह हो रहा है, तो उस जगह पर टैप करें। अगर आपको कोई असामान्य आवाज सुनाई देती है, तो संभव है कि वहां कोई कैमरा हो।
हिडेन कैमरे को लेकर होटल या पुलिस से तुरंत शिकायत करनी चाहिए।