बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी ने मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार पर दिसंबर तक चुनाव कराने के लिए दबाव बढ़ाया है, क्योंकि हजारों युवाओं ने विशाल रैली निकाली। तारिक रहमान ने सरकार पर लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को पटरी से उतारने का आरोप लगाया। सेना प्रमुख ने भी दिसंबर तक चुनाव कराने पर जोर देकर दबाव बढ़ाया है।
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया की बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) ने बुधवार को मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली देश की अंतरिम सरकार पर दबाव बढ़ा दिया, क्योंकि हजारों युवाओं ने दिसंबर तक चुनाव कराने की मांग को लेकर एक विशाल रैली निकाली। बीएनपी के कार्यवाहक अध्यक्ष तारिक रहमान ने लंदन से डिजिटल तरीक से रैली को संबोधित करते हुए कहा, ”राष्ट्रीय चुनाव दिसंबर तक होने चाहिए। तैयारियां तुरंत शुरू होनी चाहिए।” वह वर्तमान में लंदन में रहते हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव कराने में सरकार की “विलंब करने की रणनीति” और “तथाकथित सुधारों” पर जोर देना, लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को पटरी से उतारने की व्यापक योजना का हिस्सा है। रहमान ने कहा, ”अतीत में सभी कार्यवाहक सरकारों ने तीन महीने के भीतर निष्पक्ष चुनाव कराये हैं। आज 10 महीने से अधिक समय हो गया है और अभी तक सरकार ने चुनाव की तारीख की घोषणा भी नहीं की है।”
यूनुस के हाथ में बांग्लादेश की कमान – पिछले वर्ष अगस्त में पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के नेतृत्व वाली अवामी लीग सरकार के सत्ता से हटने के बाद मुख्य सलाहकार यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार ने कार्यभार संभाला था। पूरे बांग्लादेश से हजारों युवाओं ने राजधानी में रैली की और यूनुस परोक्ष समर्थन से गठित छात्रों के नेतृत्व वाली नेशनल सिटिजन पार्टी (एनसीपी) के खिलाफ शक्ति प्रदर्शन किया।
चुनाव से पहले यूनुस ने रखी शर्त – एनसीपी का उद्भव पिछले वर्ष स्टूडेंट्स अगेंस्ट डिस्क्रिमिनेशन (एसएडी) नामक मंच के तहत छात्रों के नेतृत्व में हुए घातक विरोध प्रदर्शनों से हुआ था। एनसीपी, इस बात पर जोर देती है कि चुनावों को तब तक नहीं कराये जाने चाहिए जब तक कि प्रमुख सुधार पूरे नहीं हो जाते।
जापान की यात्रा पर गए मोहम्मद यूनुस – जापान की आधिकारिक यात्रा पर गए यूनुस ने बुधवार को दोहराया कि चुनाव इस वर्ष दिसंबर से अगले वर्ष जून के बीच कराए जाएंगे, जो आवश्यक सुधारों की सीमा पर निर्भर करेगा। इस सप्ताह के आरंभ में, उनकी सलाहकार परिषद, जो वास्तव में कैबिनेट है, ने एक अनिर्धारित बंद कमरे में हुई बैठक के बाद एक वक्तव्य जारी किया, जिसमें कहा गया कि अंतरिम सरकार को तीन प्राथमिक जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं – “चुनाव, सुधार और न्याय”।
“न्याय” का मुद्दा पूर्व प्रधानमंत्री हसीना, जो अब भारत में हैं और उनकी अब भंग हो चुकी अवामी लीग पार्टी के नेताओं तथा सरकार के खिलाफ जारी मुकदमे से संबंधित है, जो पिछले वर्ष छात्र नेतृत्व वाले आंदोलन के बाद सत्ता से हट गई थी।
बीएनपी ने क्या कहा – बीएनपी के वरिष्ठ नेता अमीर खासरू महमूद चौधरी ने पार्टी की युवा रैली में कहा कि सुधारों की मांग पर चुनाव में देरी की कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने कहा कि भले ही राजनीतिक दलों में सुधार के मुद्दों पर आम सहमति न हो, जैसा कि प्रचारित किया जा रहा है, अगली निर्वाचित सरकार आवश्यक सुधारों को आगे बढ़ाएगी।
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