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ब्रह्मोस के हमले को नहीं भुला पा रहा पाकिस्तान, नए एयर डिफेंस के लिए इन दो देशों की शरण में, एक भारत का दोस्त

भारत के हमले के बाद से पाकिस्तानी आर्मी की चिंता बढ़ी हुई है। पाकिस्तान का ध्यान अब अपने एयर डिफेंस को मजबूत करने पर है। इसके लिए वह नए विकल्प तलाश रहा है।
भारत और पाकिस्तान के बीच बीते महीने (7-10 मई) सैन्य संघर्ष देखने को मिला था। भारत ने ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च करते हुए पाकिस्तान पर हवाई हमले किए थे। इस दौरान भारत की ओर से किए गए ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के हमले ने पाकिस्तान में काफी ज्यादा नुकसान किया। इससे पाक आर्मी की चिंता बढ़ी हुई है। भारत की ब्रह्मोस मिसाइल का हमला झेलने के बाद पाकिस्तान अपनी हवाई सुरक्षा को मजबूत करने के लिए उन्नत वायु रक्षा प्रणाली की तलाश कर रहा है। पाकिस्तान फिलहाल जर्मनी के IRIS-T या इटली के CAMM-ER एयर डिफेंस सिस्टम में से कोई एक लेने पर विचार कर रहा है। जर्मनी की हाल ही में भारत से पनडुब्बी की डील हुई है। ये देखना दिलचस्प होगा कि जर्मनी भारत की दोस्ती पर पाकिस्तान को तरजीह देगा या नहीं।
रेजोनेंट की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान की नजर जर्मनी के IRIS-T और इटली के CAMM-ER पर है लेकिन संभावना है कि वह IRIS-T को चुनेगा। इसकी वजह यह है कि IRIS-T ने यूक्रेन में अपनी क्षमता साबित की है। यूक्रेन कई साल से रूस के साथ युद्ध में है। उसने इस सिस्टम से ब्रह्मोस जैसी क्षमता वाली मिसाइलों को रोकने में कामयाबी पाई है। दूसरी ओर इटली के CAMM-ER की रेंज और इंटरसेप्शन स्पीड ब्रह्मोस के मुकाबले कम है।
ब्रह्मोस से क्यों डरा पाकिस्तान – भारत-रूस के संयुक्त उद्यम ब्रह्मोस ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान जबरदस्त क्षमता का प्रदर्शन किया है। इस मिसाइल ने पाकिस्तान के वायु रक्षा तंत्र को भेदनेमें कामयाबी पाई। पाकिस्तान को चीन से HQ-9B और HQ-16 वायु रक्षा प्रणाली मिली है। भारत ने जब पाकिस्तान के एयरबेस पर हमला किया तो ये एयर डिफेंस ब्रह्मोस को नहीं रोक सका। इससे पाकिस्तान को बड़ा झटका लरगा।
पाक सेना ने इस रणनीतिक झटके के बाद भारत का मुकाबला करने के लिए इटली के कॉमन एंटी-एयर मॉड्यूलर मिसाइल- एक्सटेंडेड रेंज (CAMM-ER) या फिर जर्मनी के इंफ्रा रेड इमेजिंग सिस्टम- टेल/थ्रस्ट वेक्टर कंट्रोल्ड (IRIS-T) में से किसी एक को चुनने का फैसला लिया है। CAMM-ER एक मध्यम दूरी की वायु रक्षा मिसाइल है, जिसे विभिन्न प्लेटफार्मों के साथ लचीलेपन और एकीकरण के लिए डिजाइन किया गया है। यह 45 किलोमीटर तक की दूरी पर और 20 किलोमीटर तक की ऊंचाई पर लक्ष्यों को भेदती है, जो क्रूज मिसाइलों और विमानों का मुकाबला करने के लिए उपयुक्त है।
IRIS-T में क्या है खास – पाकिस्तान की पसंद बताई जा रही जर्मनी की IRIS-T प्रणाली छोटी से मध्यम दूरी की वायु रक्षा प्रणाली है, जिसमें सतह से लॉन्च किए गए वेरिएंट (IRIS-T SLM/SLS) हैं। IRIS-T SLM 40 किलोमीटर की रेंज प्रदान करता है और 20 किलोमीटर तक की ऊंचाई पर लक्ष्यों को भेद सकता है, जबकि SLS संस्करण कम दूरी के खतरों (10 किलोमीटर तक) पर केंद्रित है।
यह एयर डिफेंस डिकॉय से लक्ष्यों को अलग करने के लिए उन्नत इमेजिंग इन्फ्रारेड तकनीक का उपयोग करती है, जो क्रूज मिसाइलों और ड्रोन के खिलाफ प्रभावी है। थ्रस्ट-वेक्टर नियंत्रण ब्रह्मोस के चकमा देने वाले युद्धाभ्यासों का मुकाबला करने के लिए महत्वपूर्ण, तेजी से आगे बढ़ने वाले लक्ष्यों के चुस्त अवरोधन को सक्षम बनाता है।
IRIS-T SLM ने यूक्रेन में अपनी मारक क्षमता का प्रदर्शन किया है। ये मिसाइल 60 से ज्यादा रूसी मिसाइलों और ड्रोन को रोक चुकी है, जिसमें P-800 ओनिक्स भी है। इस मिसाइल में ब्रह्मोस की तरह की तकनीकी प्रणालियां शामिल हैं। ऐसे में पाकिस्तान IRIS-T को ब्रह्मोस का मुकाबला करने के लिए मजबूत विकल्प के रूप में देख रहा है।