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ईरानी तेल साम्राज्‍य को आगे बढ़ा रहे दुनिया के 27 देश, भारतीय कंपनियों पर अमेरिकी बैन से कुछ नहीं बिगड़ेगा, समझें खेल


अमेरिका के राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप अगर यह सोच रहे हैं कि वह 6 भारतीय कंपनियों पर प्रतिबंध लगाकर ईरान के ऊर्जा व्यापार और शिपिंग नेटवर्क को ध्वस्त कर देंगे, तो उनका अंदाजा बिल्कुल गलत है। ईरान के अवैध तेल साम्राज्य को आगे बढ़ाने में दुनिया के 27 देश शामिल है। इसमें अमेरिका के मध्यपूर्व में रणनीतिक भागीदार से लेकर अमेरिका का सबसे बड़ा दुश्मन चीन भी शामिल है। यहीं कारण है की जब भी ईरान पर प्रतिबंध लगाया या बढ़ाया जाता है तो तेल का अवैध व्यापार और ज्यादा बढ़ जाता है। ईरान के तेल व्यापार के प्रमुख केन्द्रों को ही ले तो पता चलता है कि दुनिया की कई बड़ी ताकतें ईरान को बढ़ावा दे रही हैं और उन्हें ट्रंप या अमेरिकी प्रतिबंधों की कोई परवाह नहीं है। जून 2025 के आंकड़ों से संकेत मिलता है कि फुजैरा,जेबेल अली, झोउशान, ताइकांग, क़िंगदाओ और चांगझोउ जैसे दुनिया के नामचीन और अत्याधुनिक 6 बंदरगाह इस नेटवर्क का हिस्सा हैं।
दुनिया संयुक्त अरब अमीरात को अमेरिका का दोस्त और ईरान का दुश्मन समझती है लेकिन तेल के अवैध व्यापार को लेकर बिल्कुल ऐसा नहीं है। ईरान के अवैध तेल व्यापार को बढ़ाने में यूएई किसी से पीछे नहीं है। जेबेल अली संयुक्त अरब अमीरात के दुबई अमीरात के भीतर स्थित एक प्रमुख बंदरगाह शहर है, जो दुबई शहर से लगभग 35 किलोमीटर दक्षिण पश्चिम में है। फारस की खाड़ी के दक्षिणी तट पर स्थित, यह संयुक्त अरब अमीरात के सबसे महत्वपूर्ण औद्योगिक और रसद केंद्रों में से एक है। यह दुनिया का सबसे बड़ा मानव निर्मित बंदरगाह और कंटेनर मात्रा के हिसाब से मध्य पूर्व का सबसे व्यस्त बंदरगाह है। फुजैराह बंदरगाह यूएई के प्रमुख बंदरगाहों में से एक है जिसमें कई उल्लेखनीय सुविधाएं हैं। फुजैराह बंदरगाह या अल फुजैराह बंदरगाह के रूप में भी जाना जाता है, यह बंदरगाह सिंगापुर के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा बंकरिंग केंद्र है। यह यूएई के पूर्वी तट पर रणनीतिक रूप से स्थित एक बहुउद्देशीय बंदरगाह है।