
पाकिस्तान ने कतर के साथ अपने एलएनजी आयात समझौते पर फिर से बातचीत करने का निर्णय लिया है। पाकिस्तान इस समझौते के चलते कई मोर्चों, खासतौर से उर्जी और आर्थिक मामले में पर बुरी तरह घिर गया है।
कतर के साथ लिक्विफाइड नेचुरल गैस (LNG) आयात समझौते पर पाकिस्तान खुद को फंसा हुआ पा रहा है। ऐसे में पाकिस्तान ने इस मुद्दे पर कतर की सरकार के साथ बातचीत करने का निर्णय लिया है। पाकिस्तान चाहता है कि कतर उसको दिए जाने वाले LNG कार्गो या तो दूसरे देश को बेच दे या फिर उनको कुछ साल के लिए रोक ले। पाकिस्तान के पास पहले ही LNG का स्टॉक जरूरत से ज्यादा है। ऐसे में पाक पीएम शहबाज शरीफ कतर जाकर वहां के अमीर से गुहार लगाने की तैयारी में है।
पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक, पाकिस्तान और कतर के बीच LNG का सौदा 2015 में हुआ और 2016 में पाक को इसके कार्गो मिलने शुरू हो गए। फिलहाल पाकिस्तान के पास ये गैस ज्यादा हो गया है। पाकिस्तान के पास LNG के कार्गो जरूरत से ज्यादा हैं। उसे अगले पांच साल तक इसकी जरूरत नहीं है। इस मुद्दे पर बातचीत करने के लिए पाकिस्तानी पीएम शरीफ कतर जा रहे हैं।
पाकिस्तान की मुश्किल – कतर और पाकिस्कान के इस सौदे में मसला ये है कि हर हाल में पाक को LNG कार्गो खरीदना है। अगर पाकिस्तान मना करता है तो भी उसे रकम देनी होगी। ऐसे में करीब साढ़े पांच अरब डॉलर का बोझ पकिस्तान पर पड़ेगा। पाकिस्तान की कैबिनेट ने कतर से दो मांगों को लेकर प्रस्ताव पास किया है। एक यह कि कतर 177 कार्गो को किसी और देश को बेच दे या फिर 2031 तक इनको रोक ले और बाद में इसी रेट पर उसे दे दे।
Home / News / कतर के अमीर के आगे गिड़गिड़ाने को मजबूर हुए शहबाज, LNG सौदे पर बुरा फंसा पाकिस्तान, 5 अरब डॉलर की लगेगी चपत
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