
बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर एनडीए में चिराग पासवान की लोकजनशक्ति पार्टी (रामविलास) पेच फंसाती दिख रही है। चिराग पासवान की तरफ से अरुण भारती लगातार सीट बंटवारे को लेकर अलग अलग बयान देकर सरगर्मी बढ़ा रहे हैं। आइए समझते हैं एलजेपी आर की रणनीति।
पटना: एनडीए में सीट बंटवारे को लेकर लोजपा(रामविलास) के पैंतरे रुकने का नाम नहीं ले रहा है। हद तो यह है कि 243 सीटों पर चुनाव लड़ने का दावा करने वाले चिराग पासवान का रुख कुछ सप्ताह पहले 40 विधासनसभा की हदें छू रहा था। लेकिन गत सप्ताह लोजपा(आर) के सांसद अरुण भारती ने सीट बंटवारा को लेकर एक नया राग का क्या छेड़ा एनडीए के रणनीतिकारों के हाथ पांव फूलने लगे हैं। चिराग पासवान को लेकर एनडीए के रणनीतिकारों की हालत भई गति मोर सांप छुछुंदर जैसी हो गई। जानिए ऐसे क्या हालत किए लोजपा सांसद ने…
सीट शेयरिंग पर लोजपा (आर) का नया शगूफ़ा – एनडीए के भीतर सीट शेयरिंग को लेकर जो माथापच्ची चल रही है, उसमें एक नया पेच आ गया है। यह पेच कोई ऐरे गैरे ने नहीं बल्कि, जमुई सांसद अरुण भारती ने उलझा दी है। अरुण भारती की इस पेच ने जनता दल यू की मुश्किलें बढ़ा दी है। ऐसा इसलिए कि वर्ष 2020 की विधासनसभा में 137 सीटों पर उम्मीदवार खड़ा कर लोजपा(आर) ने जदयू को पहले नंबर की पार्टी से तीसरे नंबर की पार्टी बना दिया था।
इस बार लोजपा (आर) का डिमांड कोई हवा में नहीं लहरा रहा है। सांसद अरुण भारती ने अपनी सीट डिमांड को जस्टिफाई करते हुए यह तर्क दिया है कि एनडीए के घटक के रूप में उनकी सीटों की संख्या 43 और 135 के बीच होनी चाहिए। कारण बताते हुए कहा कि 2015 में पार्टी ने NDA के साथ मिलकर 43 सीटों पर चुनाव लड़ा और 2020 में 137 सीटों पर चुनाव लड़ा। हाल के हालात में चिराग पासवान के नेतृत्व में 2000 से ज्यादा मजबूत हुई है।
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