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भारत-इजरायल, ईरान… पाकिस्तान-सऊदी अरब रक्षा समझौता किसके खिलाफ, जानें कितनी गहरी है दोनों की दोस्ती


पाकिस्तान सऊदी अरब रक्षा समझौते की खूब चर्चा हो रही है। माना जा रहा है कि यह समझौता भारत के हितों को नुकसान पहुंचा सकता है। सऊदी अरब भारत का बड़ा व्यापारिक साझेदार है। ऐसे में अगर सऊदी अरब, पाकिस्तान के कहने पर भारत के खिलाफ कदम उठाता है तो इससे नुकसान होना तय है।
पाकिस्तान के हुक्मरान सऊदी अरब के साथ रक्षा समझौता करने के बाद फूले नहीं समा रहे। आए दिन पाकिस्तानी नेता सऊदी अरब का नाम लेकर भारत को धमकियां दे रहे हैं। वहीं, सऊदी अरब ने इस मामले पर चुप्पी साध रखी है। माना जा रहा है कि सऊदी अरब को इजरायल और ईरान से खतरा है। ईरान शिया देशों का नेतृत्व करता है, वहीं सऊदी सुन्नी देशों का। सऊदी अरब लंबे समय से इजरायल को भी खतरे के रूप में देखता है, हालांकि इस बात की कम ही संभावना है कि इजरायल भी सऊदी को इसी नजरिए से देखता हो। इससे माना जा रहा है कि इस रक्षा संबंध का सबसे ज्यादा फायदा पाकिस्तान उठाएगा, क्योंकि उसकी भारत के साथ पुरानी दुश्मनी है।
सऊदी को परमाणु छत्रछाया देगा पाकिस्तान? -सऊदी अरब और पाकिस्तान ने सितंबर में में जब पारस्परिक रक्षा समझौते पर हस्ताक्षर किए थे, तब इस्लामाबाद में दावा किया था कि “किसी भी देश के विरुद्ध किसी भी आक्रमण को दोनों के विरुद्ध आक्रमण माना जाएगा।” इस घोषणा से भ्रम की स्थिति पैदा हो गई जब पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा मोहम्मद आसिफ ने कहा कि इस समझौते में, जो दोनों देशों के बीच दीर्घकालिक संबंधों को मजबूत करता है, परमाणु छत्रछाया भी शामिल है। हालांकि, ख्वाजा आसिफ ने बाद में अपनी टिप्पणी वापस ले ली, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि पाकिस्तान ने सऊदी अरब को परमाणु छत्रछाया प्रदान की है या नहीं।