
यूरोपीय संघ ने यूक्रेन की सदस्यता पर कड़ा रुख दिखाया है। उन्होंने कहा है कि यूक्रेन को सदस्यता पाने के लिए कई मुद्दों पर काम करना होगा। उधर, यूरोपीय संघ का एक प्रमुख सदस्य देश यूक्रेन की सदस्यता के खिलाफ है। ऐसे में राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की के सपनों पर ग्रहण लगता दिख रहा है।
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने रूस से टक्कर लेकर सबकुछ बर्बाद कर दिया है। यह सब जेलेंस्की के उस सपने का नतीजा है, जो उन्हें अमेरिका ने दिखाया। अमेरिका ने यूक्रेन को रूस के खिलाफ एक मोहरे के तौर पर इस्तेमाल किया। बाद में जब यूक्रेन संकट में फंस गया, तब उसे हथियार देकर लगातार रूस के खिलाफ उकसा रहा है। आज हालात ऐसे हैं कि जेलेंस्की ने जिन मुद्दों के लिए रूस से दुश्मनी मोल ली, आज वही उनके लिए दुर्लभ हो गए हैं। माना जाता है कि यूक्रेन पर रूसी हमले का प्रमुख कारण जेलेंस्की की यूरोपीय यूनियन और नाटो में शामिल होने की कोशिशें थी। लेकिन, यूक्रेन को फिलहाल दोनों में से कुछ भी नहीं मिलने वाला है।
यूरोपीय संघ ने यूक्रेन को दिया कड़ा संदेश -यूक्रेन का दौरा करने वाले यूरोपीय संघ के वरिष्ठ अधिकारियों ने कीव को एक कड़ा संदेश दिया है कि सदस्यता हासिल करने के लिए उसे अभी बहुत कुछ करना है। उन्होंने यूक्रेन के यूरोपीय यूनियन में प्रवेश की राह में हंगरी के प्रतिरोध का भी जिक्र किया। हंगरी को रूस का पुराना दोस्त माना जाता है, जो खुलकर यूक्रेन की यूरोपीय यूनियन की सदस्यता का विरोध कर रहा है। अब यूरोपीय देश यूक्रेन के प्रवेश के प्रति हंगरी के विरोध को दूर करने के लिए काम कर रहे हैं।
Home / News / यूक्रेन जिसके लिए रूस से लड़ गया, अब उसी पर लग गया ग्रहण, जेलेंस्की के सपनों पर इस देश ने पानी फेरा
IndianZ Xpress NZ's first and only Hindi news website