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क्या जाति की राजनीति पीछे छूट रही है? ज्ञान और मोक्ष की नगरी में ये मिला राजनीतिक ‘ज्ञान’, जानें यहां के सबसे अहम मुद्दे?


बोधगया विधानसभा क्षेत्र को लेकर मिजाज समझने की कोशिश की तो लोगों की बातें सच में ज्ञान चक्षु खोलने वाली रहीं। एक कारोबारी ने कहा कि इस बार तो मैं और मेरे सभी दोस्त जन स्वराज पार्टी को सपोर्ट करेंगे। वजह पूछने पर तपाक से कहते हैं कि शराब बंदी।
ज्ञान और मोक्ष की नगरी गयाजी। जिसका एक विधानसभा क्षेत्र है बोधगया। यहां विधानसभा चुनाव को लेकर मिजाज समझने की कोशिश की तो लोगों की बातें सच में ज्ञान चक्षु खोलने वाली रहीं। कैरीबैग का कारोबार करने वाले 27 साल के प्रकाश से लेकर 10 वीं की छात्रा स्नेहा तक की बातें ये बताने के लिए काफी थी कि क्यों ये कहा जाता है कि बिहार की राजनीति को समझना इतना आसान नहीं है। वोटर लिस्ट के स्पेशल इंटेंसिव रिविजन को लेकर भले ही देश भर में शोर है लेकिन चुनाव की चर्चा करने पर किसी ने भी खुद से इसका जिक्र नहीं किया। पूछने पर जरूर कहा कि हां ये भी एक मुद्दा है। कई लोगों से बात कर यहां के जो मुद्दे समझ आए, वे हैं- पलायन, शराबंदी, जंगलराज और जाति।
हमें तो पढ़ने-लिखने का मौका ही नहीं मिल पाया – महाबोधि मंदिर के बाहर से लेकर जहां तक ये सड़क जाती है, पूरे इलाके में खूब भीड़ भाड़ है। कुछ टूरिस्ट तो ज्यादातर स्थानीय लोग। यहीं मिले इम्तियाज। वे कहते हैं कि जो सरकार पढ़ाई लिखाई के लिए अच्छा करेगी वही आनी चाहिए। फिर बताते हैं कि हम तो काम करने के लिए कभी देहरादून गए तो कभी दूसरे शहर, यहां तक की लद्दाख भी चले गए। फिर जब शादी हुई तो वापस यहां आ गए। वह कहते हैं कि हमें तो पढ़ने-लिखने का मौका नहीं मिल पाया लेकिन अब मेरे तीनों बच्चे सरकारी स्कूल में पढ़ते हैं। वह कहते हैं कि सरकार को ऐसा करना चाहिए कि किसी को काम करने बाहर नहीं जाना पड़े। यहीं उन्हें काम मिल जाए।