
नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने एयर इंडिया को बोइंग 787 विमानों में रैम एयर टर्बाइन (आरएटी) प्रणाली का पुनः निरीक्षण करने का निर्देश दिया है, जहां हाल ही में पावर कंडीशनिंग मॉड्यूल (पीसीएम) बदला गया था।
विमानन सुरक्षा नियामक, नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने एयर इंडिया को सभी बोइंग 787 विमानों में रैम एयर टर्बाइन (आरएटी) प्रणाली, एक इमरजेंसी पॉवर सोर्स, का पुनः निरीक्षण करने का निर्देश दिया है, जहां हाल ही में पावर कंडीशनिंग मॉड्यूल (पीसीएम) को बदला गया था।
क्यों उठाया गया कदम? – आपको बता दें कि यह कदम एयर इंडिया के बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमानों से जुड़ी दो हालिया तकनीकी घटनाओं के बाद उठाया गया है। साथ ही, डीजीसीए ने अमेरिकी विमान निर्माता कंपनी बोइंग से भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए निवारक उपायों की रूपरेखा वाली एक विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है।
रिपोर्ट की मांगी जानकारी – नियामक ने बोइंग से बोइंग 787 विमानों पर वैश्विक स्तर पर रिपोर्ट किए गए इसी तरह के आरएटी तैनाती के मामलों के साथ-साथ पीसीएम प्रतिस्थापन के बाद सेवा संबंधी किसी भी कठिनाई की रिपोर्ट की भी जानकारी मांगी है। यह कार्रवाई इस महीने की शुरुआत में लगातार हुई दो घटनाओं के बाद की गई है।
दुबई की ओर मोड़ दी गई फ्लाइट – 4 अक्टूबर को, एयर इंडिया की अमृतसर-बर्मिंघम उड़ान (एआई-117) पर आरएटी लैंडिंग से ठीक पहले ऑटोमैटिक रूप से तैनात हो गई थी। पांच दिन बाद, 9 अक्टूबर को, एयर इंडिया की वियना-दिल्ली उड़ान (एआई-154) का संचालन कर रहे एक अन्य बोइंग 787 विमान को ऑटोपायलट सिस्टम के अचानक फेल होने और कई तकनीकी खराबी आने के बाद दुबई की ओर मोड़ दिया गया।
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