
सोमवार दिनांक 31.07.17 को श्रावणी दुर्गाष्टमी का पर्व है। इस दिन सावन का चौथा सोमवार भी है जिसमे शिव पूजन का विशेष महत्व है। भविष्य पुराण के उत्तर-पूर्व में दुर्गाष्टमी पूजन के विषय में भगवान श्री कृष्ण से धर्मराज युधिष्ठिर का संवाद है जिसमें दुर्गाष्टमी पूजन का स्पष्ट उल्लेख है। दुर्गाष्टमी का पूजन प्रत्येक युग तथा कल्पों व मन्वंतरों आदि में भी प्रचलित था। पौराणिक मतानुसार दुर्गम राक्षस के डर से तीनों लोक भयभीत रहते थे। ऐसी विपत्ति के समय शिव की शक्ति दुर्गसैनी नाम से अवतार लेकर दुर्गमासुर को मारकर जनमानस की रक्षा की। इसी कारण इनका नाम दुर्गा पड़ा। श्रावणी दुर्गाष्टमी के विशेष पूजन से शत्रु परास्त होते हैं, बुरी ताकतों से मां रक्षा करती हैं व हर तरह की समस्याओं से भी छुटकारा मिलता है।
विशिष्ट पूजन: देवी दुर्गा पर तेल का दीपक करें, गूगल से धूप करें, रक्तचंदन चढ़ाएं, लाल-सफ़ेद फूल चढ़ाएं व लाल मावे की बर्फी का भोग लगाकर 108 बार विशिष्ट मंत्र जपें। इसके बाद बर्फी किसी कन्या को दें।
विशिष्ट दुर्गा मंत्र: ह्रीं दुं दुर्गापरमेश्वर्यै नमः॥
विशेष पूजन मुहूर्त: प्रातः 09:06 से प्रातः 09:17 तक।
अभिजीत मुहूर्त: दिन 12:00 से 12:54 तक।
अमृत काल: दिनांक 01.08.17 अर्धरात्रि 02:34 से प्रातः 04:21 तक।
यात्रा मुहूर्त: दिशाशूल – पूर्व। नक्षत्र शूल – नहीं। राहुकाल वास – वायव्य। अतः पूर्व व वायव्य दिशा की यात्रा टालें।
आज का गुडलक ज्ञान
गुडलक कलर: सफ़ेद।
गुडलक दिशा: दक्षिण-पूर्व।
गुडलक टाइम: शाम 16:12 से शाम 18:16 तक।
गुडलक मंत्र: ॐ हरप्रियायै नमः॥
गुडलक टिप: मानसिक विकार से मुक्ति के लिए दूध में अपनी छाया देखकर शिवलिंग पर चढ़ाएं।
गुडलक फॉर बर्थडे: शिवलिंग पर सफ़ेद चंदन चढ़ाकर मस्तक पर तिलक करने से मानसिक एकाग्रता बढ़ेगी।
गुडलक फॉर एनिवर्सरी: पार्टनर के साथ गन्ने के रस से रुद्राभिषेक करने से पारिवारिक कलह से मुक्ति मिलेगी।
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