घर में हमें सुख-शांति, मान-सम्मान और धन-वैभव सहित सभी सुविधाएं प्राप्त होती हैं। अगर घर साफ-सुथरा होगा तो तन मन प्रफुल्लित रहेगा। गंदगी से भरपूर घर जहां व्यक्ति के स्वास्थ्य में नकारात्मकता का संचार करता है वहीं घर में बरकत के लिए सबसे बड़ी बाधा उत्पन्न करता है।
शास्त्रों में वर्णित है घर को सुबह ब्रह्म मूहर्त में साफ करना चाहिए। जिससे मां लक्ष्मी सुख-समृद्धि के साथ घर में प्रवेश कर सकें मगर आज के बदलते प्रवेश में कुछ लोग अपनी सहुलियत के अनुसार रात या सांझ ढले साफ-सफाई करते हैं। ऐसे लोग अनजाने में दरिद्रता को अपने घर न्यौता देते हैं।
सूरज ढलने के बाद कचरा घर से बाहर नहीं फेंकना चाहिए और न ही घर की साफ सफाई करनी चाहिए। मान्यता है कि रात के समय कचरा बाहर फेंकने से धन का अभाव हो जाता है।
नमक के अभाव में भोजन का स्वाद अधूरा रह जाता है उसी प्रकार नमक के अभाव में घर की साफ सफाई भी अधूरी है। घर में सफाई करते समय पानी में थोड़ा नमक डाल लें। इससे घर में प्रवेश करने वाली नकारात्मक शक्तियां अपना सिर नहीं उठा पाती और दैविय शक्तियों को लिए राहें आसान हो जाती हैं।
जीवन में आने वाली किसी भी प्रकार की समस्या के लिए घर में प्रवेश का सरल मार्ग घर का प्रवेश द्वार ही होता है। पौराणिक भारतीय संस्कृति व परम्परानुसार इसे कलश, नारियल व पुष्प, अशोक, केले के पत्र से या स्वास्तिक आदि से अथवा उनके चित्रों से सुसज्जित करने की प्रथा है। प्राचीन मान्यताओं के अनुसार ऐसे भवन जिनमें चौखट या दहलीज न हो उसे बड़ा अशुभ संकेत माना जाता है। मान्यता है की मां लक्ष्मी ऐसे घर में प्रवेश ही नहीं करती जहां प्रवेश द्वार पर चौखट न हो और ऐसे घर के सदस्य संस्कारहीन हो जाते हैं। इसकी दूसरी अनिवार्यता यह है की इससे भवन में गंदगी भी कम प्रवेश कर पाती है तथा नकारात्मक उर्जा या किसी शत्रु द्वारा किया गया कोई भी नीच कर्म भी भवन में प्रवेश नहीं कर पाता।