
पुत्रजया: भ्रष्टाचार के मामले में मलेशिया के पूर्व प्रधानमंत्री नजीब रजाक से मंगलवार को चार घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की गई। वहीं, देश के भ्रष्टाचार रोधी आयोग के नए प्रमुख ने कहा कि मामले की जांच को नजीब के शासन के दौरान दबा दिया गया था। लंबे समय से सत्तारूढ़ गठबंधन के राष्ट्रीय चुनाव में हारने के करीब दो हफ्ते बाद नजीब को मलेशिया के भ्रष्टाचार रोधी आयोग ने तलब किया।
दरअसल, नजीब द्वारा स्थापित एमडीबी सरकारी निवेश कोष में कथित भ्रष्टाचार को लेकर लोगों में रोष था। अमरीकी जांचकर्ताओं ने कहा है कि नजीब के सहयोगियों ने 2009 से 2014 के बीच 4. 5 अरब डॉलर की राशि की चोरी की और उसका शोधन किया। इनमें से कुछ रकम नजीब के बैंक खाते में भी गई। नए वित्त मंत्री लिब गुआन एंग ने कहा है कि नजीब सरकार ने देश की वित्तीय स्थिति के बारे में संसद को गुमराह किया।
आयोग के नए प्रमुख मोहम्मद शुकरी अब्दुल ने कहा कि नजीब के खिलाफ आपराधिक आरोप बहुत जल्द आ सकते हैं। शुकरी ने 2015 में नजीब के बैंक खाते में संदिग्ध रकम के हस्तांतरण की जांच की है। वहीं, 2015 में इस घोटाले के उजागर होने के बाद नजीब ने कोई गलत काम करने की बात से इनकार किया है। शुकरी ने कहा, ‘कानून को अपना काम करने दीजिए।’
देश में नई सरकार बनने के बाद नजीब और उनकी पत्नी को देश से बाहर जाने से रोक दिया गया है। पुलिस ने नजीब के घर छापा मारा और उनकी संपत्ति तथा कई बेशकीमती चीजें जब्त कर ली। देश के 92 वर्षीय नए प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद ने कहा कि यदि नजीब दोषी पाए गए तो उन्हें अंजाम भुगतना पड़ेगा।
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