नई दिल्ली: ब्रिटिश एथलीट इलिस मैक्कॉलगन ने रविवार को बर्मिंघम एथलेटिक्स चैम्पियनशिप से ओलिंपिक के लिए क्वालिफाई किया और अब वे रियो ओलिंपिक में ट्रैक पर 3000 मी स्टीपलचेस में मेडल की उम्मीदें लेकर उतरेंगी। यह उनका दूसरा ओलिंपिक है। उन्होंने लंदन ओलिंपिक में भी हिस्सा लिया था।
पैर में लगे हैं स्क्रू और प्लेट
25 वर्षीय इलिस का करियर लगातार चोटों से प्रभावित रहा है। पिछले साल जनवरी में उनका टखना चोटिल हो गया था। इससे पहले भी चोट के बाद उनके पैर में पांच स्क्रू लगाए गए थे। जनवरी में टखना चोटिल होने के बाद दो स्क्रू और एक मेटल प्लेट लगाई गई। इलिस कहतीं हैं कि अब मेरा पैर रोबोट के पैर की तरह होता जा रहा था। एयरपोर्ट पर भी जब बॉडी स्कैन होते समय जांचकर्ताओं को स्क्रू दिखते हैं, तो उसे अपने पैर के बारे में बताना पड़ता है, तब जाकर उन्हें तसल्ली होती है।
सोते समय भी होता है पैर में दर्द
इलिस जब ओलिंपिक की तैयारी के लिए केन्या गईं, तब वह चल भी नहीं पा रही थी। रात में सोते समय भी पैर में दर्द होता। पहले वे 3000 मी स्टीपलचेस में हिस्सा लेती थी। लेकिन चोट के बाद उन्होंने 5000 मी रेस दौडऩा शुरू कर दिया। हालांकि इसमें भी उन्होंने अच्छा प्रदर्शन किया। इलिस का कहना है कि जब ओलिंपिक में खेलने की बात आती है, तो दर्द महसूस नहीं होता।
मां से ही लेती हैं ट्रेनिंग
इलिस की मां लिज मैक्कॉलगन भी एथलीट थीं। वे 10 हजार मीटर की वल्र्ड चैंपियन रह चुकीं हैं। इलिस अपनी मां से ही ट्रेनिंग लेती हैं। इलिस इतनी बड़ी तकलीफ से जूझने के बाद भी काफी खुश रहती हैं। वे लाइफ को एन्जॉय करते हुए किसी को महसूस नहीं होने देतीं कि उन्हें पैर में कुछ दिक्कत भी है। इलिस को घूमना फिरना और पार्टी करना बेहद पसंद है।