आपने अकसर लोगों को बातचीत के दौरान लकी-अनलकी शब्द को यूज करते सुना होगा। लकी यानि की कुछ ऐसा जिसके हमारी लाइफ में आते ही सब कुछ अच्छा ही अच्छा होना शुरू हो जाए और अनलकी यानि बुरा होना आरंभ हो जाए एवं बनते काम बिगड़ने लगें। कुछ लकी-अनलकी काम तो हम करते हैं और कुछ कामों के कुदरत भी संकेत देती है की अमुक काम आपके लिए कैसा प्रभाव देगा।
लकी
घर के द्वार पर भिखारी, कुत्ता, गाय अथवा कोई और पशु आए तो उसे कभी भी खाली अर्थात भूखा-प्यासा नहीं भेजना चाहिए। इन्हें रोटी, आटा, सब्जी अथवा गुड़ खिलाया जा सकता है। वे अपना भाग लेने और हमारा भाग्य जगाने के लिए ही हमारे द्वार पर आते हैं।
जहां तक संभव हो सके यही कोशिश करो कि रात का खाना खाने के बाद बर्तन साफ करके ही रखें। जूठे बर्तन रातभर रसोई में पड़े रहने से कीटाणु तो पैदा होते ही हैं, साथ ही रसोई की बरकत भी चली जाती है।
कपड़े पहनते या उतारते समय जेब से पैसे गिरें तो धन प्राप्ति का संकेत है।
यदि आप किसी कार्य से जा रहे हैं तो आपके सामने सुहागन स्त्री अथवा गाय आ जाए तो कार्य में सफलता मिलती है।
सोकर उठते ही कोई भिखारी मांगने आ जाए तो समझें कि आपके द्वारा दिया गया उधार जल्द वापस मिलेगा।
अनलकी
कटे-फटे व पुराने जूते-चप्पल जो पहनने योग्य न हों, खाली डिब्बे, बोतलें व कबाड़ का अन्य सामान घर में नहीं रखना चाहिए। जिन वस्तुओं को आपने पिछले एक साल से प्रयोग ही नहीं किया, उन्हें घर से बाहर निकालने पर विचार करें। घर में इन गैर-जरूरी वस्तुओं का संग्रह नैगेटिव प्रभावों को बढ़ाता है।
कुत्ते का रोना अथवा सियार के रोने से रिश्तेदार, पड़ोसी या मोहल्ले में कष्ट (मृत्यु) की संभावना रहती है।
कार्य पर जाते समय कोई दुष्ट प्रकृति वाला, व्यभिचारी सामने आ जाए तो कार्य सफल नहीं होता।
घर में किसी देवता की मूर्ति अथवा चित्र टूट जाए तो मृत्यु या मृत्यु समान कष्ट हो सकता है। निवारण के लिए रामरक्षा स्त्रोत अथवा दुर्गा मां की आराधना करें।