6 मार्च, बुधवार को फाल्गुन महीने की अमावस्या तिथि है। इसे फाल्गुनी अमावस्या या फाल्गुन अमावस्या के नाम से जाना जाता है। पुराणों के अनुसार इस दिन विष्णु पूजा करना श्रेष्ठ बताया गया है। यह उन श्रेष्ठ दिनों में से एक है जब श्री हरि विष्णु के वाचिक जाप करने का पुण्यफल प्राप्त होता है। इस दिन पूर्वजों के निमित श्राद्ध, तर्पण, दान और स्नान कर्म किया जाता है। यह अमावस्य पितृ मोक्ष के लिए भी श्रेष्ठ मानी गई है। इस दिन किए गए उपाय, टोटके और पूजा संतानहीनता, पितृदोष और दुर्भाग्य से राहत देतेे हैं। यह हिंदू वर्ष की अंतिम अमावस्या है। फाल्गुन अमावस्या का शास्त्रों में अत्यधिक महत्व है। मान्यतानुसार फाल्गुन अमास्या पर देवताओं का निवास संगमत तट पर होता है। अतः इस दिन गंगा, यमुना व सरस्वती के संगम में स्नान कर देवों का आशीर्वाद प्राप्त किया जाता है। कहते हैं यदि पितृ प्रसन्न नहीं होते तो अन्य देवी-देवता भी अपनी कृपा नहीं बरसाते। अमीर बनने की इच्छा है तो कुछ ऐसे काम हैं जो इस दिन नहीं करने चाहिए-
यहां रखेंगे तिजोरी तो खुलेंगे किस्मत के दरवाजे
संबंध न बनाएं।
बाल-दाढ़ी न बनवाएं।
तामसिक भोजन अथवा मांसाहार न खाएं।
शराब न पीएं।
गंदे कपड़े न पहनें।
करें ये काम
पितरों की तस्वीर को अच्छी तरह साफ करें और दक्षिण दिशा में लगाएं।
सूर्योदय से पहले बिस्तर छोड़ दें।
सुबह नमक का पोछा लगाएं।
भूखों को भोजन खिलाएं।
अपनी शक्ति के अनुसार दान करें।
मछलियों को दाना डालें।
चींटियों को आटा और शक्कर मिला कर डालें।
रात को घर की उत्तर-पूर्व दिशा में तिल के तेल या घी का दीपक लगाएं। इस उपाय से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।