
बोइंग के नए मॉडल 737 मैक्स 8 को लेकर चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने आई है जिसमें बोइंग और अमेरिकी संघीय विमानन प्रशासन (FAA) की पोल खुल गई है। रिपोर्ट के अनुसार 737 मैक्स 8 की प्रमाणन प्रक्रिया के दौरान बोइंग और अमेरिकी संघीय विमानन प्रशासन (FAA) द्वारा की गई त्रुटियां सामने आई हैं। 2015 में नए मैक्स 737 को प्रमाणित करने के लिए एफएए के प्रबंधकों ने सुरक्षा इंजीनियरों से बोइंग की सुरक्षा का आंकलन और तेजी से परिणाम विश्लेषण को मंजूरे देने को कहा था।
बोइंग ने नए 737 मैक्स मॉडल के मैनोवरिंग कैरेक्टरस्टीक ऑगमेनटेशन सिस्टम (एमसीएएस) से संबंधित एक रिपोर्ट एफएए को सौंपी थी। इस रिपोर्ट में विमान को प्रमाणित करने के लिए बताया गया था, कि विमान उड़ान के लिए सुरक्षित है लेकिन इसमें कई त्रुटियां थीं। विमान का ये सिस्टम (MCAS) पांच महीने में दो बड़े विमान हादसों के बाद अब जांच के दायरे में है। सीटल्ड टाइम्स अखबार की ये रिपोर्ट उन वर्तमान और पूर्व इंजीनियरों के इंटरव्यू पर आधारित है, जो सिस्टम के मूल्यांकन से जुड़े थे या दस्तावेजों से परिचित थे। इन लोगों से अपनी पहचान छिपाए रखने को कहा गया था। ये सिस्टम विमान को आपातकाल के समय सुरक्षा प्रदान करने के लिए जिम्मेदार है।
अगर ऊंचाई पर किसी तकनीकी खराबी के कारण खतरा महसूस हो तो इसी सिस्टम की सहायता से विमान को धीरे-धीरे नीचे लाने में मदद मिलती है। वहीं अगर विमान खतरा होने के बावजूद भी ऊंचाई में ही उड़ता रहा और ये सिस्टम ठीक से काम ना करे तो दुर्घटना हो सकती है। इस सिस्टम के काम ना करने की स्थिति में विमान तेजी से जमीन की ओर आकर गिर जाता है। बोइंग ने शनिवार को अखबर से कहा कि एफएए ने विमान के कंपीन के डाटा की समीक्षा की थी और यह सभी प्रमाणन और नियामक आवश्यकताओं को पूरा करता है। वहीं कंपनी ने इंजीनियरों की टिप्पणी को झूठा बताया है।
इंजीनियरों का कहना है कि ये संदेह है कि अक्तूबर में लॉयन एयर विमान हादसे का कारण यही फ्लाइट कंट्रोल सॉफ्टवेयर था। इथोपिया विमान हादसे के बाद ये सिस्टम एक बार फिर चर्चा में आ गया है। अखबार के मुताबिक पायलट द्वारा इस्तेमाल किए जाने पर सिस्टम कैसे रीसेट होगा, ये भी विश्लेषण में शामिल नहीं है। एफएए के तकनीकी विशेषज्ञों ने अखबार को बताया कि 737 मैक्स की एजेंसी के प्रमाणन के लिए, प्रबंधकों ने उन्हें प्रक्रिया को तेज करने के लिए कहा था। इसके पीछे का कारण था कि मैक्स का विकास प्रतिद्वंद्वी एयरबस के A32neo से नौ महीने पीछे था।
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