
सीरियल ब्लास्ट्स मामले में श्रीलंका के रक्षा मंत्री रुवन विजयवर्धने ने भी स्वीकार किया कि हमलों के मामले में सुरक्षा प्रबंधन में चूक हुई। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना सुरक्षा प्रतिष्ठानों में कुछ बदलाव करने की योजना बना रहे हैं। लोकल मीडिया के अनुसार श्रीलंका के प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति की आपसी खींचतान व तालमेल की कमी भी इस बड़ी त्रासदी का कारण बनी। वहीं गत रविवार को ईस्टर के मौके पर हुए आत्मघाती हमलों और सिलसिलेवार धमाकों में मरने वालों की संख्या 359 हो गई है।
रक्षा मंत्री रुवन विजयवर्धने ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए सुरक्षा प्रबंधन में चूक की बात स्वीकार करते कहा, ‘‘ हमें (सरकार को) जिम्मदारी लेनी ही होगी। मंत्री ने बताया कि खुफिया विभाग ने हमलावरों के क्राइस्टचर्च गोलीबारी मामले से प्रेरित होने की संभावना जताई है। उन्होंने कहा, ‘‘ आत्मघाती हमलावरों में से एक विदेश में पढ़ता था। उनमें से अधिकतर पढ़े-लिखे थे और मध्यम या उच्च-मध्य-वर्ग से आते थे। इसलिए वे और उनके परिवार आर्थिक रूप से काफी समर्थ हैं।”
विजयवर्धने ने कहा, ‘‘ हमारा मानना है कि एक आत्मघाती हमलावर ने ब्रिटेन में पढ़ाई की थी और श्रीलंका आने से पहले ऑस्ट्रेलिया से स्नातकोत्तर किया।” पुलिस प्रवक्ता गुनसेखरा ने कहा, ‘‘ मृतक संख्या बढ़कर 359 हो गई है।” वहीं 500 से अधिक लोग घायल भी हैं। पुलिस प्रवक्ता गुनासेखरा ने संवाददाता सम्मेलन में बताया कि हमलों में एक महिला सहित नौ आत्मघाती हमलावर शामिल थे। उन्होंने कहा, ‘‘ उनमें से आठ की पहचान हो गई है।” उन्होंने बताया कि अभी तक मामले में 60 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, वे सभी श्रीलंकाई नागरिक हैं।
इनमें से 32 अपराधिक जांच विभाग की हिरासत में हैं। इस्लामिक स्टेट ने इन घातक हमलों की जिम्मेदारी ली है और हमलों को अंजाम देने वाले आत्मघातियों की पहचान भी उजागर की है। गौरतलब है कि ईस्टर के मौके पर श्रीलंका में गिरजाघरों और होटलों को निशाना बनाकर आत्मघाती हमले और सिलसिलेवार धमाके किए गए थे। पुलिस ने बताया कि मारे गए लोगों में कम से कम 34 विदेशी शामिल हैं।
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