हिंदू धर्म में पूजा आदि का कितना महत्व है इस बात से कोई अंजान नहीं है। धार्मिक ग्रंथों में मूर्ति पूजा का बहुत महत्व है। बता दें कि हिंदू धर्म में कुल 33 कोटि देवी-देवता हैं यानि 33 प्रकार के देवी-देवता। इन सभी देवताओं को एक विशिष्ट स्थान प्रदान किया गया है। जो लोग मूर्ति पूजन में विश्वास रखत हैं वो अपन घर के मंदिर व पूजा स्थल आदि में इन देवी-देवताओं की मूर्ति रखते हैं और रोज़ाना उनकी पूजा करते हैं। कहा जाता है जिस घर में सुबह-शाम देवी-देवताओं को पूजा जाता है वहां नकारात्मक ऊर्जा कभी हावी नहीं होती। ऐसे घर में हमेशा ईश्वर का आशीर्वाद बना रहता है।
इसी मान्यता के चलते लोग अपने मंदिर में अपने इष्ट देवता की मूर्ति को स्थापित कर उनसे सुख-शांति की कामना करते हुए सुबह और शाम, घर में धूप-अगरबत्ती जलाते हैं। लेकिन कहते हैं कभी-कभी जाने-अनजाने में पूजा आदि के दौरान ऐसी गलतियां हो जाती हैं, जिनकी वजह से शुभ की जगह परिवार पर अशुभता के बादल मंडराने लगते हैं।
आज कल लोग घर में स्थान के हिसाब से छोटे-बड़े मंदिर बनवा बड़ी श्रद्धा के साथ उनमें देवी-देवताओं को स्थापित कर लेते हैं। परंतु कुछ ऐसी गलतियां हैं जो अक्सर लोग अनजाने में कर ही जाते हैं। तो आइए आपको बताते हैं घर में मंदिर स्थापित करते समय किन-किन बातों का ध्यान रखना ज़रूरी होता है।
अगर पूजा घर में भगवान विष्णु और कृष्णा की तस्वीर या मूर्ति हो तो उन्हें सबसे पहले उन्हें भोग लगाएं उस्के बाद ही परिवार जन वाले भोजन करें। ऐसा न करने से घर में बरकत नहीं रहती है।
भगवान के भोग में तुलसी आदि का प्रयोग ज़रूर करें। कहते है तुलसी के बिना पूजा पूरी नहीं होती और भगवान आसी पूजा स्वीकार भी नहीं करते जिसमें तुलसीदल का इस्तेमाल न हो।
कभी भी पूजा में पुराने फूल अर्पित न करें हमेशा ताजे फूल या फूलों की माला ही भगवान को अर्पित करें।