Friday , October 18 2024 3:34 PM
Home / News / डे-नाइट टेस्ट पर बंटी दक्षिण अफ्रीकी टीम

डे-नाइट टेस्ट पर बंटी दक्षिण अफ्रीकी टीम

l_pink-1461165634

मेलबर्न। दक्षिण अफ्रीका के अपने खिलाड़ियों के असहजता के हवाले को देकर ऑस्ट्रेलिया दौरे में होने वाले दिन-रात्रि टेस्ट मैच का विरोध जताने के बावजूद क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया उसे इसके लिए मनाने में लगा है।
दक्षिण अफ्रीकी खिलाड़ी संघ के प्रमुख टोनी आयरिश ने दिन-रात्रि के टेस्ट मैच के खिलाफ आपत्ति जताते हुए कहा था कि दूधिया रोशनी में होने वाले टेस्ट के लिए उनके खिलाड़ी सहज नहीं हैं। उन्हें गुलाबी गेंद से खेलने का कोई अनुभव नहीं है और वे इसमें खेलने के पक्ष में नहीं हैं।

क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (सीए) के कार्यकारी प्रमुख जेम्स सदरलैंड ने कहा, ”हम इस मामले में दक्षिण अफ्रीका क्रिकेट बोर्ड से बातचीत कर रहे हैं और बातचीत के बाद ही यह सुनिश्चित हो पाएगा कि एडिलेड में होने वाला दिन-रात्रि का टेस्ट मैच हो पाएगा कि नहीं।”

उन्होंने कहा, ”दक्षिण अफ्रीकी खिलाड़ियों की दिन-रात्रि के टेस्ट मैच को लेकर व्यक्त की जा रही चिंता स्वाभाविक है और हम इस बात को समझते हैं लेकिन यदि प्रशंसकों के लिहाज से देखें तो यह एक बड़ा मैच होने वाला है।”

सदरलैंड ने कहा, ”दिन-रात्रि टेस्ट खेलने का हमारा पिछला अनुभव शानदार रहा था और ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के बीच एडिलेड में हुआ पहला दिन-रात्रि का टेस्ट दर्शकों की उपस्थिति के लिहाज से खासा सफल रहा था। इसने धूमिल पड़ते क्रिकेट के इस सबसे पुराने प्रारूप को एक नयी दिशा दी थी और निश्चित रूप से यह दक्षिण अफ्रीकी खेल प्रशंसकों के लिए भी यादगार अनुभव होगा।”

उन्होंने कहा, ”दूधिया रोशनी में गुलाबी गेंद से हुये पिछले मैच में टेस्ट मैच को दर्शकों के बीच नई पहचान मिली है। यह दर्शकों और टेस्ट को बचाए रखने की दिशा में एक उत्साहजनक कदम था।”

विरोध में डिविलियर्सः डीविलियर्स ने डे-नाइट टेस्ट का विरोध करते हुए कहा, दिन-रात्रि टेस्ट भविष्य में बदलाव की दिशा में एक पहल हो सकती है लेकिन अभी हम इसके लिए तैयार नहीं हैं। हमने अभी तक एक भी दिन-रात्रि टेस्ट नहीं खेला है और दूधिया रोशनी में गुलाबी गेंद से खेलने का कोई अनुभव न होने की वजह से हम इसे लेकर सहज नहीं हैं।

समर्थन में डेल स्टेनः डेल स्टेन ने कहा, मैं अपने करियर में कम से कम एक दिन-रात्रि टेस्ट खेलना चाहता हूं। यह क्रिकेट के सबसे पुराने प्रारूप टेस्ट को लोकप्रिय बनाने की दिशा में उठाया गया सराहनीय कदम है।