पोलैंड ने पिछले महीने गलती से चेक गणराज्य की जमीन पर कब्जा कर लिया । पोलैंड के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि यह ‘गलतफहमी’ की वजह से हुआ। बताया जा रहा है कि सीमा की निगरानी कर रहे पोलैंड के सैनिकों ने कोरोना वायरस को रोकने के लिए उठाए गए कदमों को देखते हुए चेक गणराज्य के एक चैपल पर कब्जा कर लिया था। वे कई दिनों तक चैपल के अंदर रहे। यही नहीं पोलैंड के सैनिकों ने चेक गणराज्य से आने वाले लोगों को भी प्रवेश नहीं करने दिया था।
इसके बाद चेक गणराज्य के अधिकारियों ने पोलैंड सरकार से संपर्क किया। घटना उत्तर-पूर्वी शहर मोराविया में हुई। पोलैंड के अधिकारियों ने इस घटना को गलती करार दिया है। उधर, चेक गणराज्य के विदेश मंत्रालय ने कहा कि उन्हें आधिकारिक रूप से अभी जवाब नहीं मिला है। सबसे पहले इस घटना की खबर स्थानीय अखबार में छपी थी। उस समय चैपल की मुरम्मत का काम देख रहे एक इंजिनियर ने जब चैपल की तस्वीर लेनी चाही तो पोलैंड के सैनिकों ने उन्हें रोक दिया। पोलैंड के सैनिकों ने मशीन गन ले रखा था।
उन्होंने चैपल तक जाने वाली सड़क पर अवरोधक लगा दिया था। इसके बाद अखबार ने वहां फोटोग्राफर भेजकर घटना की पुष्टि की। बताया जा रहा है कि यह चैपल चेक गणराज्य की सीमा के 30 मीटर अंदर है। इस इलाके में एक जलधारा सीमा का निर्धारण करती है। अखबार ने बताया कि पहले पोलैंड के सैनिकों ने जलधारा के पोलैंड वाले किनारे की तरफ अपनी पोजिशन ले रखी थी लेकिन बाद वे चेक गणराज्य की सीमा में घुस आए। यह अभी तक पता नहीं चल पाया है कि पोलैंड के सैनिक कितने दिनों तक वहां पर रहे।