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शरद पूर्णिमा की रात कर लें ये 5 उपाय, साल भर बरसेगा धन


चारों ओर बिखरी चांदनी में अमृत वर्षा होती है : शरद पूर्णिमा की रात कोई मामूली चांदनी रात नहीं होती, बल्कि इस रात के अप्रतिम सौंदर्य का वर्णन कवि भी अपनी कविता में करने से खुद को रोक नहीं पाए हैं। बरसात के बाद धुले आसमान में चंदा की चांदनी देखते ही बनती है कि मां लक्ष्‍मी भी इस रात को धन की वर्षा करने से खुद को रोक नहीं पातीं। शरद पूर्णिमा को मां लक्ष्‍मी के जन्‍मदिन के रूप में मनाया जाता है। चारों ओर बिखरी चांदनी में अमृत वर्षा होती है। मान्‍यता है कि दीपावली से पहले मां लक्ष्‍मी का स्‍वागत करने का यह विशेष अवसर होता है। ऐसा कहा जाता है कि इस रात को किए गए कुछ खास उपाय आपके घर में भी धन वर्षा करा देते हैं। आइए जानते हैं कौन से हैं ये उपाय…
खीर के रूप में प्राप्‍त करें अमृत : माना जाता है शरद पूर्णिमा की चांदनी रात में अमृत वर्षा होती है। इस रात में चावल की खीर बनाकर महीन कपड़े से ढ़ककर उसे खुले आसमान के नीचे रख देना चाहिए। दूध, चावल और शक्‍कर तीनों ही मां लक्ष्‍मी को प्रिय हैं। अगले दिन सुबह स्‍नान के बाद खीर को मां लक्ष्‍मी के प्रसाद के रूप में परिवार के सभी सदस्‍यों को प्रसाद के रूप में बांट देना चाहिए। माना जाता है कि इस खीर को खाने से स्‍वास्‍थ्‍य रूपी संपदा और आरोग्‍य रूपी वरदान प्राप्‍त होता है। साथ ही आपके घर से धन की कमी भी दूर होती है।
कोजागरा की रात का जागरण : मां लक्ष्‍मी के जन्‍मदिन के रूप में शरद पूर्णिमा का यह त्‍योहार मनाया जाता है और इस रात को सोना नहीं होता है। शरद पूर्णिमा को रात्रि जागरण करते हुए मां लक्ष्‍मी का ध्‍यान करना चाहिए। इस रात को कोजागरा भी कहा जाता है। रात में आपको मां लक्ष्‍मी के ध्‍यान के साथ ही विष्‍णु सहस्‍त्रनाम का पाठ भी करना चाहिए।
तुलसी की पूजा का महत्‍व दीपावली से पहले शरद पूर्णिमा को मां लक्ष्‍मी को प्रसन्‍न करने के लिए विशेष आयोजन के रूप में देखा जाता है। पूर्णिमा की सुबह स्‍नान करके तुलसी पर दीपक जलाएं और साथ ही सिंदूर भी चढ़ाना चाहिए। इसके अलावा तुलसी को सफेद मिष्‍ठान से भोग भी लगाना चाहिए। ऐसा करने वालों पर मां लक्ष्‍मी की विशेष कृपा होती है। कहते हैं जो तुलसी को प्रसन्‍न करने पर भगवान विष्‍णु और मां लक्ष्‍मी स्‍वत: ही प्रसन्‍न हो जाते हैं।
इन 5 चीजों का मां लक्ष्‍मी को भोग लगाएं : मां लक्ष्‍मी का इस दिन जन्‍मदिन माना जाता है, ऐसे में माता को भेंट के रूप में उनकी प्रिय वस्‍तुएं अर्पित करनी चाहिए। इनमें सिंघाड़ा, मखाना, दही, पान और बताशे प्रमुख माने जाते हैं। शरद पूर्णिमा के दिन शाम की पूजा में आपको मां लक्ष्‍मी को इन सब वस्‍तुओं का भोग लगाना चाहिए और फिर उसके बाद इन्‍हें प्रसाद के रूप में बांट देना चाहिए। आप और आपके परिवार के ऊपर मां लक्ष्‍मी की कृपा होती है।
साफ-सफाई का खास महत्‍व : मां लक्ष्‍मी का वास उस घर में माना जाता है जहां के लोग साफ-सफाई और स्‍वच्‍छता से रहते हैं। दीपावली पर लोग इसी वजह से अपने घर की पुताई करवाते हैं और साफ-सफाई करते हैं। शरद पूर्णिमा से ही आपको घर की साफ-सफाई करना आरंभ कर देना चाहिए। ऐसा करना बेहद शुभ माना जाता है और आपके घर से सभी प्रकार के ग्रहदोष दूर होते हैं।