हनुमान जी एकादश रुद्र अवतार हैं, वह भगवान शिव के ग्यारहवें अवतार माने जाते हैं। मंगलवार के दिन हनुमानजी की साधना बड़ी फलदायी मानी जाती है। यह उपाय संकट नाश करता है। यदि बजरंग बली को प्रसन्न करना है और साथ ही शिव जी का आशीर्वाद पाना है तो हनुमान जी का पूजन जरूर करना चाहिए।
पहला उपाय- किसी भी मंगलवार को नहा-धोकर साफ धुले हुए वस्त्र पहनें। इसके बाद नजदीकी हनुमान मंदिर में जाकर चमेली के तेल तथा सिंदूर मिश्रित चोला चढ़ाएं। साथ ही चोला चढ़ाते समय एक दीपक हनुमानजी के सामने जला कर रख दें। दीपक में भी चमेली के तेल का ही उपयोग करें।
चोला चढ़ाने के बाद हनुमानजी को गुलाब के फूल की माला पहनाएं और केवड़े का इत्र हनुमानजी की मूर्ति के दोनों कंधों पर थोड़ा-थोड़ा छिटक दें। अब एक साबूत पान का पत्ता लें और इसके ऊपर थोड़ा गुड़ व चना रख कर हनुमानजी को इसका भोग लगाएं। भोग लगाने के बाद उसी स्थान पर थोड़ी देर बैठकर तुलसी की माला से नीचे लिखे मंत्र का जप करें। कम से कम 5 माला जप अवश्य करें।
दूसरा उपाय- किसी भी मंगलवार को सुबह स्नान करने के बाद बड़ के पेड़ का एक पत्ता तोड़ें और इसे साफ स्वच्छ पानी से धो लें। अब इस पत्ते को कुछ देर हनुमानजी की प्रतिमा के सामने रखें और इसके बाद इस पर केसर से श्रीराम लिखें। अब इस पत्ते को अपने पर्स में रख लें। साल भर आपका पर्स पैसों से भरा रहेगा। इसके बाद जब दोबारा सावन का महीना आए तो इस पत्ते को किसी नदी में प्रवाहित कर दें और इसी प्रकार से एक और पत्ता अभिमंत्रित कर अपने पर्स में रख लें।
तीसरा उपाय- मंगलवार के दिन किसी हनुमानजी के मंदिर जाएं और वहां बैठकर राम रक्षा स्त्रोत का पाठ करें। इसके बाद हनुमानजी को गुड़ और चने का भोग लगाएं। जीवन में यदि कोई समस्या है तो उसका निवारण करने के लिए प्रार्थना करें।
चौथा उपाय- मंगलवार के दिन किसी ऐसे मंदिर जाएं जहां भगवान शिव व हनुमानजी दोनों की ही प्रतिमा हो। वहां जाकर शिव व हनुमानजी की प्रतिमा के सामने शुद्ध घी के दीपक जलाएं। इसके बाद वहीं बैठकर शिव चालीसा तथा हनुमान चालीसा का पाठ करें। इस उपाय से भगवान शिव व हनुमानजी दोनों की ही कृपा आपको प्राप्त होगी।
पांचवा उपाय- मंगलवार को पास ही स्थित हनुमानजी के किसी मंदिर में जाएं और हनुमानजी को सिंदूर व चमेली का तेल अर्पित करें और अपनी मनोकामना कहें। इससे हनुमानजी प्रसन्न होते हैं और भक्त की हर मनोकामना पूरी करते हैं।